


“वर्तमान ही हमारा,देश का भविष्य तय करता है. विश्व मे शिक्षासे बडा कोई कार्य हो नही सकता है, शिक्षा व्यक्ती, देश को सबल,सफल बनाता है, शिक्षा विना सब बेकार ,जैसे सांस विना शरीर होता है.”
महाराष्ट्र राज्य मे शिक्षा का स्तर (सरकारी स्कुले) गिरता,जा रहा है,सरकारी स्कूलों को निधी मिलना मुश्किल हो रहा है,सरकारी स्कुलोमे, बच्चे,तथा शिक्षकोंको अपेक्षीत सुविधा दूरदूर तक मिलना दुश्वार हूवा है, बरसात छत से पाणी टपकता है,तो जाडोंके मोसम थंडीतेज हवाये यहा से वहां निकल जाती है,तो धूपकालेमे सुरज की तपिशसे सब बेजार है.
क्या ऐसे से हमारा भारत देश विश्व गूरु बन पायेगा? आजकल हम देख सकते है,जो शिक्षा हमे सरकारी स्कूलो, कॉलेज मे मिलती है,वह क्या निजी शिक्षानिती से मिल सकती है,कदापी नही. हम सब जानते समझते है,निजी स्कूलों मे शिक्षा के शिवाय सबकुछ शिकाया जाता है,यह स्कुल,कॉलेज, बाहरी दिखावा, ढेर सारी फिज,तथा विज्ञापन के भरोसे विद्यार्थी, पालक को आकर्शित कर सफल होते है, विद्या विषेशज्ञ का मानना है,हमे सरकारी स्कुले, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था, यांत्रिकी, अभियांत्रिकी, वाणिज्य, विज्ञान, वैद्यकीय,और समंधित सरकारी विभाग को,मांग से अधिक निधी मिलजाने पर विश्व की सबसे बडी शैक्षणिक संस्था बन सकते है, ईतनाही नही,बुध्द कालिन मे विश्व के अनेक देश,विदेश के विद्यार्थी यहा ज्ञान अर्जित कर ,हमारे देश का गौरव बढाया था,आज भी हमे वह बुध्द कालीन प्रमाण,मीलते है,हमे आकर्षित करते,बुलाते है, आज क्यो नही,अब हम आय,टी क्षेत्र प्रगती होनेसे और नजदिक, समीप आगये है,