
बलिया के रसड़ा में पिछले 20 वर्षों से बंद पड़ी चीनी मिल को पुनः शुरू करने की मांग उठी है। भाजपा के पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह दर्जनों ट्रैक्टर के साथ जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। उन्होंने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा। पूर्व विधायक ने बताया कि चीनी मिल चलने के दौरान 40 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलता था। मिल बंद होने से हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं। उनका कहना है कि मिल के दोबारा शुरू होने से जनपद और पूर्वांचल का विकास होगा। बलिया को देश का पहला आजाद जिला होने का गौरव प्राप्त है। किसान सहकारी चीनी मिल्स लिमिटेड रसड़ा कभी हजारों किसानों की आजीविका का स्रोत था। मिल बंद होने से किसानों ने गन्ना की खेती छोड़ दी है। पहले गन्ना बेचकर बच्चों की पढ़ाई और शादी-विवाह करने वाले किसान अब आर्थिक तनाव में हैं। वर्तमान में किसान धान-गेहूं की खेती पर निर्भर हैं, जिसमें लागत अधिक और लाभ कम है। रसड़ा में बंद कताई मिल का सैकड़ों एकड़ का परिसर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है। इसके पास पुलिस कोतवाली, रेलवे स्टेशन और तहसील परिसर भी है। यह स्थान भविष्य में मेडिकल कॉलेज के विस्तार के लिए भी उपयोगी हो सकता है।