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प्रसूता ने लगाया, स्टाफ नर्स पर लापरवाही का आरोप

संवादाता ,सुरेश चन्द गाँधी / श्रवण कुमार मद्धेशिया की रिपोर्ट

संवादाता ,सुरेश चन्द गाँधी / श्रवण कुमार मद्धेशिया की रिपोर्ट

कुशीनगर/ सुकरौली बाज़ार , प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) सुकरौली में तैनात स्टाफ नर्स की लापरवाही के चलते एक नवजात शिशु की मौत हो गई। पीड़ित प्रसूता ने आरोप लगाया कि प्रसव पीड़ा के बावजूद उसे अस्पताल से लौटा दिया गया और जब स्थिति गंभीर हुई तो अस्पताल पहुंचने के बाद भी इलाज में लापरवाही बरती गई। परिजनों ने मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषी स्टाफ नर्स पर कार्रवाई की मांग की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, रिंकी देवी पत्नी राम अशीष, निवासी गौनर (उसरहा), थाना व तहसील चौरीचौरा, गोरखपुर, 17 मार्च को दोपहर 2 बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सुकरौली पहुंचीं। आरोप है कि वहां तैनात स्टाफ नर्स नीतू पांडेय ने उन्हें यह कहकर वापस भेज दिया कि अभी प्रसव का समय नहीं आया है। दो घंटे बाद जब स्थिति बिगड़ी, तो परिजन 108 एंबुलेंस से उन्हें दोबारा अस्पताल लेकर पहुंचे।
परिजनों के मुताबिक, अस्पताल में प्रसूता को घंटों दर्द से तड़पते हुए छोड़ दिया गया। स्टाफ नर्स रातभर अपने आवास में सोती रही, जबकि प्रसूता का इलाज सिर्फ दाई के भरोसे चलता रहा। न तो उनका ब्लड प्रेशर चेक किया गया, न ही किसी प्रकार की आवश्यक जांच की गई और न ही गर्भस्थ शिशु की धड़कन सुनी गई। परिजनों ने बार-बार स्टाफ नर्स को बुलाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें डांटकर भगा दिया गया।
सुबह 4 बजे दाई ने स्टाफ नर्स को सूचना दी कि बच्चा मर चुका है, जिसके बाद आनन-फानन में कागजी कार्यवाही कर प्रसूता को गोरखपुर रेफर कर दिया गया। पीड़िता ने आरोप लगाया कि अस्पताल में स्टाफ नर्स अक्सर ड्यूटी के दौरान सोती रहती हैं और मरीजों का इलाज दाइयों के भरोसे चलता है। पीड़िता ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कुशीनगर को पत्र भेजकर मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषी स्टाफ नर्स पर कार्रवाई की मांग की है। साथ ही, इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय, स्वास्थ्य मंत्री और मानवाधिकार आयोग को भी भेजी गई है।

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