
हैदराबाद जंगल विवाद: क्या वायरल तस्वीर में सच में भाग रहे थे जानवर? जानिए वायरल दावे की सच्चाई!
✍️ लेखक: एलिक सिंह
📍 वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़ | फ़ैक्ट चेक रिपोर्ट | 10 अप्रैल 2025
🌳 पर्यावरण बनाम विकास: हैदराबाद के जंगल से उठती चीख
बीते कुछ दिनों से हैदराबाद के कांचा गचीबावली क्षेत्र में जंगल की कटाई को लेकर बवाल मचा हुआ है। कहा जा रहा है कि यहां करीब 400 एकड़ में फैले हरे-भरे जंगल को बुलडोज़र से नेस्तनाबूद किया जा रहा है, और इसका खामियाज़ा वहां रहने वाले हजारों वन्यजीवों को भुगतना पड़ रहा है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही कुछ तस्वीरों और वीडियो ने इस आग में घी का काम किया है। इनमें दावा किया जा रहा है कि बुलडोजरों की गड़गड़ाहट से डरकर जानवर अपने घरों से भाग खड़े हुए, कुछ घायल हुए और कुछ मारे गए। कई लोगों ने इस पूरे घटनाक्रम को “विकास की आड़ में विनाश” करार दिया है।
लेकिन क्या वाकई वायरल हो रही ये तस्वीरें और वीडियो सच हैं? क्या है इसका वास्तविक सच? आइए जानते हैं इस फ़ैक्ट चेक रिपोर्ट में।
📸 वायरल तस्वीर ने मचाया बवाल, लेकिन क्या है इसकी सच्चाई?
एक वायरल तस्वीर में दर्जनों पशु-पक्षी बुलडोजर की ओर भागते दिखाए गए हैं। यह तस्वीर खासकर ट्विटर (अब एक्स) पर तेजी से वायरल हो रही है।
एक यूज़र @sanbish1 ने लिखा:
“हैदराबाद यूनिवर्सिटी के पास 400 एकड़ जंगल पर बुलडोज़र! हजारों वन्यजीवों का दम घोंटा जा रहा है, छात्रों की आवाज़ दबाई जा रही है। क्या विकास का मतलब पर्यावरण की हत्या है?”
इस एक ट्वीट को हजारों बार रीट्वीट और शेयर किया जा चुका है। कई लोगों ने इसे सरकार की “विकास नीतियों की क्रूरता” बताकर सरकार को घेरा है।
🔍 फैक्ट चेक: तस्वीर है फर्जी!
वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़ की फैक्ट चेक टीम ने जब इस वायरल तस्वीर की जांच पड़ताल की, तो जो सामने आया वह चौंकाने वाला था:
तस्वीर को जब Google Reverse Image Search और TinEye जैसे टूल्स पर चेक किया गया, तो मालूम चला कि यह कोई वास्तविक घटना की तस्वीर नहीं, बल्कि एक AI (Artificial Intelligence) द्वारा जनरेट की गई डिजिटल इमेज है।
यह तस्वीर पहली बार 2023 में एक अंतरराष्ट्रीय डिजिटल आर्ट गैलरी में “Man vs Nature” शीर्षक से प्रकाशित हुई थी।
इस इमेज को एक डिजिटल आर्टिस्ट ने पर्यावरण के खात्मे की कल्पना दर्शाने के लिए बनाया था – यानी इसका हैदराबाद या भारत से कोई सीधा लेना-देना नहीं है।
🔎 तो क्या जंगल की कटाई नहीं हो रही?
जंगल कटाई की खबर पूरी तरह फर्जी नहीं है।
हैदराबाद यूनिवर्सिटी और आसपास के इलाकों में कुछ हिस्सों को “इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स” के लिए चिन्हित किया गया है।
कुछ हिस्सों में पेड़ों की कटाई हुई है, जिससे वहां के छात्र संगठनों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन भी किया है।
तेलंगाना सरकार का कहना है कि परियोजनाएं पर्यावरणीय मंज़ूरी के तहत ही चल रही हैं, लेकिन प्रदर्शनकारी इससे असहमत हैं।
🗣️ विकास बनाम वन्य जीवन: एक गंभीर बहस
आज का बड़ा सवाल यह है कि क्या हम विकास की राह पर चलते हुए प्राकृतिक संसाधनों और वन्यजीवों की कीमत चुका रहे हैं?
हजारों वर्षों से जो जंगल नदियों, पशु-पक्षियों और स्थानीय लोगों का घर रहे हैं, वह कंक्रीट के जंगलों में बदलते जा रहे हैं।
प्रशासन और सरकार को यह समझने की जरूरत है कि “विकास” तब तक सार्थक नहीं जब तक वह पर्यावरण के संतुलन को बरकरार न रखे।
🚨 सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही गलत जानकारी क्यों खतरनाक है?
गलत तस्वीरें और मनगढ़ंत वीडियो वास्तविक समस्याओं की गंभीरता को कम कर सकते हैं।
फर्जी कंटेंट से अफवाह फैलती है, जिससे सामाजिक तनाव भी बढ़ सकता है।
सही मुद्दों पर जनता का ध्यान देने की बजाय लोग भावनात्मक झूठी बातों में बहक जाते हैं।
✍️ निष्कर्ष:
हैदराबाद के जंगलों की कटाई एक गंभीर मुद्दा है और इसे लेकर चिंताएं भी वास्तविक हैं।
लेकिन वायरल हो रही जानवरों की तस्वीर असली नहीं है, बल्कि एक AI द्वारा बनाई गई कल्पना है।
हमें जिम्मेदारी से सूचना साझा करनी चाहिए और फर्जी खबरों के जाल में फंसने से बचना चाहिए।
📌 आपसे अपील:
कोई भी तस्वीर या वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करने से पहले उसकी पुष्टि करें।
प्राकृतिक संरक्षण को लेकर आवाज़ उठाएं, लेकिन तथ्य और सच्चाई के साथ।
फर्जी खबरों से लड़ने के लिए #VandeBharatFactCheck को फॉलो करें।
🖋️
रिपोर्ट: एलिक सिंह
संपादक – वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
📞 संपर्क: 8217554083 |
जिला प्रभारी – भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद
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