
जदयू ने बांदा से दी नई चेतना की दस्तक
अंबेडकर जयंती पर उठा सामाजिक बदलाव का बुलंद स्वर
बांदा, 14 अप्रैल।
बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती के अवसर पर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने बांदा जिले से सामाजिक न्याय और समता का बिगुल फूंका। इंदिरा नगर स्थित जिला कार्यालय में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में समाज के हर वर्ग की भागीदारी ने यह प्रमाणित कर दिया कि अंबेडकर के विचार आज भी परिवर्तन की अग्निशिखा हैं।
विशिष्ट अतिथि, सुश्री शालिनी सिंह पटेल, प्रदेश अध्यक्ष, महिला प्रकोष्ठ, जदयू उत्तर प्रदेश ने कहा,
“बाबा साहेब ने जिस सामाजिक क्रांति की शुरुआत की थी, उसे आज महिलाएं नई ऊंचाइयों तक ले जा रही हैं। जदयू महिला प्रकोष्ठ संविधान की रक्षा और महिलाओं के आत्म-सम्मान की लड़ाई के लिए पूरी ताकत से खड़ा है। राजनीति में अब संवेदनशीलता और समानता की नई परिभाषा गढ़ने का समय आ गया है, जिसमें नारी नेतृत्व की निर्णायक भूमिका होनी चाहिए।”
मुख्य अतिथि, श्री संतोष अकेला, प्रदेश प्रवक्ता, सांस्कृतिक प्रकोष्ठ, जदयू उत्तर प्रदेश ने कहा,
“बाबा साहेब सिर्फ संविधान निर्माता नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना के अप्रतिम योद्धा थे। उनके विचारों को केवल मंच तक नहीं, जन-जन तक पहुँचाना होगा। यही सच्ची श्रद्धांजलि है।”
कार्यक्रम की अध्यक्षता युवा प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष श्री पंकज सिंह ने की और आयोजन की बागडोर जदयू जिलाध्यक्ष श्री उमाकांत सविता ने संभाली।
प्रमुख वक्ताओं के विचार इस प्रकार रहे:
श्रीमती गरिमा सिंह पटेल, जिलाध्यक्ष, समाज सुधार वाहिनी:
“डॉ. अंबेडकर के विचारों को ज़मीनी स्तर पर उतारना ही उनकी सच्ची श्रद्धांजलि है।”
राम प्रजापति, जिलाध्यक्ष, दिव्यांग प्रकोष्ठ:
“बाबा साहेब ने आत्म-सम्मान के साथ जीने का अधिकार दिलाया, जो आज भी दिव्यांग समाज को प्रेरणा दे रहा है।”
पिंकी प्रजापति, नगर अध्यक्ष, महिला प्रकोष्ठ:
“बाबा साहेब की चेतना अब आंदोलन बन चुकी है – महिलाओं की आवाज़ अब दबेगी नहीं।”
काशी प्रसाद याज्ञिक, जिलाध्यक्ष, नगर विकास प्रकोष्ठ:
“हम ऐसा नगर और समाज बनाना चाहते हैं जहाँ न्याय और विकास साथ-साथ चलें – यही बाबा साहेब का सपना था।”
प्रमोद आज़ाद, केंद्रीय अध्यक्ष, बुंदेलखंड आज़ाद सेना:
“बाबा साहेब के विचारों को आत्मसात करना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। जातिवाद और भेदभाव को खत्म कर समतामूलक समाज की ओर बढ़ना ही सही दिशा है।”
राजेश राष्ट्रवादी:
“अंबेडकर के विचार केवल दलितों तक सीमित नहीं हैं, वे पूरे राष्ट्र की आत्मा हैं।”
अटल बिहारी पटेल, समाजसेवी:
“बाबा साहेब का संघर्ष हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो समानता, शिक्षा और सम्मान के अधिकार के लिए लड़ रहा है।”
पत्रकारों का सम्मान
कार्यक्रम में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ – पत्रकारों का भी अभिनंदन किया गया। वक्ताओं ने सामाजिक बदलाव की लड़ाई में मीडिया की भूमिका की सराहना की।
कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थितजनों ने संविधान की रक्षा, समता के प्रसार और सामाजिक न्याय की स्थापना हेतु संगठित संघर्ष का संकल्प लिया।
उपस्थित प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों में शामिल रहे:
बाबूलाल चौधरी (जिला महासचिव), अखिलेश कुमार यादव (जिला महासचिव), रागिनी तिवारी (जिला महिला अध्यक्ष), सद्दाम हुसैन (जिला उपाध्यक्ष, युवा प्रकोष्ठ), नीरज सिंह (जिला उपाध्यक्ष), शिव मोहन चौधरी, मिथिला सोनी, ज्योति मौर्य (महिला प्रकोष्ठ, आगरा), हजरत अली (जिला महासचिव), बिहारी लाल अनुरागी (महासचिव, दिव्यांग प्रकोष्ठ), अर्चना वर्मा, राजन सिंह, लक्ष्मी पटेल सहित दर्जनों कार्यकर्ता एवं बुद्धिजीवी।
सभी ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और देशवासियों को जयंती की शुभकामनाएँ प्रेषित कीं।