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मंडला में कुपोषित बच्चों को हर मंगलवार मिलेगा दूध और केला: SDM मैडम की पहल

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मंडला MP हेमंत नायक महाराजपु

Mandla Madhya Pradesh News:–मंडला अनुविभागीय दंडाधिकारी (SDM) महोदया के निर्देशानुसार, आज से जिले में एक नई और सराहनीय पहल की शुरुआत की गई है। इसके तहत, प्रत्येक मंगलवार को “मंगल दिवस” के अवसर पर कुपोषित बच्चों को केला या दूध का वितरण किया जाएगा। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कुपोषण से जूझ रहे बच्चों को अतिरिक्त पोषण प्रदान करना और उनके स्वास्थ्य में सुधार लाना है।

यह पहल SDM महोदया की संवेदनशीलता और बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। लंबे समय से कुपोषण मंडला जिले के लिए एक गंभीर चुनौती रहा है, और इस तरह के छोटे लेकिन प्रभावी कदम इस समस्या से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

आज, इस कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर, आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों को केला और दूध वितरित किया गया। इस दौरान स्थानीय अधिकारी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और बच्चों के अभिभावक भी उपस्थित थे। उपस्थित सभी लोगों ने इस पहल की सराहना की और उम्मीद जताई कि यह बच्चों के स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव लाएगी।

मंगल दिवस और उसका महत्व:

“मंगल दिवस” एक ऐसी अवधारणा है जिसे सामुदायिक स्तर पर स्वास्थ्य और पोषण से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। आमतौर पर, इस दिन विभिन्न स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण और पोषण परामर्श जैसी गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। मंडला में कुपोषित बच्चों को केला और दूध वितरित करने का निर्णय इस दिवस के महत्व को और बढ़ाता है, जिससे यह बच्चों के लिए पोषण सुनिश्चित करने का एक नियमित अवसर बन जाता है।

कुपोषण से लड़ने में सहायक:

केला और दूध दोनों ही बच्चों के लिए उत्कृष्ट पोषण स्रोत हैं। केला ऊर्जा का त्वरित स्रोत है और इसमें पोटेशियम सहित कई महत्वपूर्ण विटामिन और खनिज होते हैं। वहीं, दूध कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन डी का एक समृद्ध स्रोत है, जो हड्डियों के विकास और समग्र वृद्धि के लिए आवश्यक हैं। नियमित रूप से इन पौष्टिक खाद्य पदार्थों का वितरण कुपोषण के दुष्चक्र को तोड़ने में मदद करेगा और बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करेगा।

सामुदायिक भागीदारी आवश्यक:

इस कार्यक्रम की सफलता के लिए सामुदायिक भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, स्वास्थ्य कर्मियों और स्थानीय स्वयंसेवकों की भूमिका इसमें केंद्रीय होगी। साथ ही, अभिभावकों को भी इस पहल का लाभ उठाने और अपने बच्चों को प्रत्येक मंगलवार को आंगनवाड़ी केंद्र लाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

SDM महोदया की इस दूरदर्शी पहल से मंडला जिले में कुपोषण के खिलाफ लड़ाई को एक नई दिशा मिलेगी। उम्मीद है कि यह कार्यक्रम बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य और उज्जवल भविष्य की नींव रखेगा।

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