
शाहपुरा,
नगर के मध्य स्थित आर्य समाज विद्यालय, जो वर्ष 1963 से लगभग 39,877 वर्गफुट क्षेत्रफल में संचालित हो रहा है, की सोमवार को शिक्षा विभाग एवं उपखंड स्तर के अधिकारियों द्वारा उच्च स्तरीय जांच की गई।
जानकारी के अनुसार, विद्यालय की भवन की जर्जर स्थिति को लेकर आमजन द्वारा लगातार शिकायतें की जा रही थीं। इन्हीं शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जिले के सरकारी आदेशों की पालना में शाहपुरा के उपखंड अधिकारी सुनील मीणा एवं आईएएस पंचायत समिति विकास अधिकारी मेधा आनंद के नेतृत्व में एक भौतिक सत्यापन टीम ने विद्यालय भवन का निरीक्षण किया।
जांच के दौरान विद्यालय में बड़ी संख्या में आमजन भी पहुँच गए, जिन्हें विद्यालय प्रशासन ने बाहर निकाल दिया। बताया जा रहा है कि विद्यालय के संरक्षक (राजवंश के उत्तराधिकारी) ने आम लोगों के साथ अशिष्ट व्यवहार करते हुए यह कहकर बाहर निकालने को कहा कि “यह एक निजी विद्यालय है।” इस व्यवहार से आमजन में गहरी नाराजगी देखी गई।
शहर के मध्य स्थित यह सैकड़ों वर्ष पुराना भवन संभावित हादसे की आशंका को जन्म दे रहा है। आमजन ने मांग की है कि विद्यालय को किसी अन्य सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया जाए। विद्यालय प्रशासन ने भी स्वीकार किया है कि भवन के पांच कमरे बेहद क्षतिग्रस्त हैं, जिन्हें सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया है, और इनकी ओर छात्रों का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है।
इस निरीक्षण के दौरान उपखंड स्तरीय जांच दल का गठन कर भवन का विस्तृत अवलोकन किया गया। मौके पर मौजूद अधिकारियों में सुनील मीणा (उपखंड अधिकारी), आईएएस मेधा आनंद, गीता महेश्वरी, कुलदीप जैन, विनीत कुमार सहित अन्य कर्मचारी शामिल रहे।
विद्यालय की ओर से जय सिंह, सुनील कुमार बेली, मिथिलेश कुमारी, गोपाल राजगुरु, रामस्वरूप काबरा, वंदना पांडे आदि कर्मचारी जांच के समय मौजूद रहे।
सरकार और प्रशासन द्वारा जल्द ही उचित निर्णय लिए जाने की संभावना है