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भाई बहनों के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का पवित्र त्योहार

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वंदेभारतलाइवटीव न्युज-: भाई बहनों के आपसी प्रेम भाईचारे का प्रतीक त्योहार है रक्षाबंधन। “सभी भाई बहनों को रक्षाबंधन के पावन पर्व की वंदेभारतलाइवटीव न्युज परिवार की ओर हार्दिक बधाई और शुभकामनाऐं” ।। प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि के दिन भाई बहन के प्रेम प्रतीक पर्व रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। श्रावण पूर्णिमा के दिन बड़ी संख्या में साधकगण पवित्र गंगा सहित विभिन्न नदियों में स्नान ध्यान पूजा आराधना करते हैं। इस दिन बहनें अपने प्यारे भाईयों के कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके कुशल मंगल दीर्घायु जीवन की कामना ईश्वर से करती है। बहनों के राखी बांधने के बाद भाई भी अपने प्यारी बहनों को उपहार भेंट करते हैं और बहनों के सुख दुख में साथ देने का वचन देते हैं। रक्षाबंधन का यह पवित्र पर्व पूरे देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। वैदिक पंचांग अनुसार 08 अगस्त को दोपहर 02:12 मिनट पर श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत होगी। 09 अगस्त को दोपहर 01:24 मिनट पर पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी। 08 अगस्त को भद्रा दोपहर 02:12 मिनट से 09 अगस्त देर रात 01:52 मिनट तक रहेगी। इस कारण से रक्षाबंधन का पर्व 09 अगस्त को मनाया जायेगा। भद्रा का साया धरती पर रहने से शुभ कार्य नहीं किया जाता है। 09 अगस्त को राखी बांधने का शुभ समय सुबह के 05:21 बजे से लेकर दोपहर के 01:24 बजे तक है। इस दौरान सभी बहनें अपने भाईयों को रक्षासूत्र बंधन बांध सकती हैं। इस बार रक्षाबंधन के अवसर पर सौभाग्य योग का संयोग बन रहा है। सौभाग्य योग का समापन 10 अगस्त को देर रात 02:15 मिनट पर होगा। इसके पश्चात शोभन योग रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग सुबह 05:47बजे से दोपहर 02:23 बजे तक है। श्रवण नक्षत्र दोपहर 02:23 बजे तक है। रक्षासूत्र में परंपरागत तौर पर तीन गांठे लगाई जाती है, इनमे से पहली गांठ धर्म की रक्षा के होती है। दूसरी गांठ आत्मा की रक्षा के लिए जो कि नकारात्मक विचारों शक्तियों कर्मो से बचाती हैं। तीसरी गांठ तन मन परिवार की रक्षा के होती है जो कि सुख सौभाग्य दीर्घायु की कामना के बांधी जाती है। रक्षाबंधन का त्योहार भाई बहनों के रिश्तों को मजबूत करता है। रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाई की दाहिने हाथ की कलाई पर रक्षासूत्र बांधती हैं इसका कारण यह है कि दाहिना हाथ शुभता का प्रतीक माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य पूजा-पाठ आदि में दाहिने हाथ का प्रयोग होता है। दाहिने हाथ पर रक्षासूत्र बांधने के पीछे मान्यता है कि दाहिना हाथ कर्म का हाथ होता है इसका मतलब जो भी पवित्र कार्य रक्षा अथवा सहयोग करने वाले होते हैं वह दाहिने हाथ से ही किया जाता है। रक्षाबंधन के दिन प्रातःकाल स्नान आदि करके साफ स्वच्छ वस्त्र पहनने चाहिए। पूजा की थाली तैयार करें जिसमे कि घी का दीपक चावल रोली फूल राखी और मिठाई रखना चाहिए। इसके बाद घर के मंदिर या फिर पूजा स्थान पर बैठकर भगवान गणेश जी मां लक्ष्मी जी विष्णु जी की पूजा अर्चना करनी चाहिए। पूजा के आरंभ में दीप प्रज्वलित करके भगवान गणेश माता लक्ष्मी और विष्णु जी आरती करके हाथ जोड़कर प्रार्थना करनी चाहिए। राखी की थाली मे से रोली लेकर भाई के मस्तक पर लगाकर फिर बहने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधें। इसके बाद एक दूसरे को मिठाई खिलाएं।

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अनंतपद्मनाभ

D Anant Padamnabh, village- kanhari, Bpo-Gorakhpur, Teh-Pendra Road,Gaurella, Distt- gpm , Chhattisgarh, 495117,
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