
देहरादून जिला पंचायत चुनाव में कांग्रेस का परचम — अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों पदों पर कब्ज़ा, भाजपा को करारा झटका, कांग्रेस खेमे में जश्न का माहौल
देहरादून जिला पंचायत के बहुचर्चित चुनावी संग्राम में कांग्रेस ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष— दोनों महत्वपूर्ण पदों पर कब्ज़ा कर लिया है। यह परिणाम न केवल स्थानीय राजनीति के समीकरण बदलने वाला है, बल्कि आगामी चुनावी रणनीतियों के लिए भी बड़ा संकेत माना जा रहा है।
अध्यक्ष पद पर कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार सुखविंदर कौर ने 17 मत पाकर भाजपा समर्थित प्रत्याशी को कड़े मुकाबले में मात दी। वहीं उपाध्यक्ष पद की दौड़ में अभिषेक सिंह ने 18 मत प्राप्त कर स्पष्ट बहुमत से जीत हासिल की।
मतदान के बाद मतगणना में कांग्रेस खेमे में हर राउंड के साथ बढ़त मिलने लगी, जिसके बाद परिणाम आते ही कार्यकर्ता झूम उठे।
जश्न का आलम ऐसा था कि जिला पंचायत परिसर और आस-पास के इलाकों में ढोल-नगाड़ों की थाप, पटाखों की गूंज और फूल-मालाओं की बहार देखने को मिली। कार्यकर्ताओं ने नारेबाज़ी करते हुए कांग्रेस नेतृत्व को बधाई दी और इस जीत को “जनता के विश्वास की जीत” बताया।
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, यह जीत कांग्रेस के लिए मनोवैज्ञानिक और रणनीतिक दोनों तरह से बेहद अहम है। उत्तराखंड में जिला पंचायत चुनाव को स्थानीय शक्ति संतुलन का आईना माना जाता है, और देहरादून जैसे राजनीतिक रूप से संवेदनशील जिले में यह जीत कांग्रेस के लिए 2027 विधानसभा चुनाव से पहले एक मजबूत आधार तैयार कर सकती है।
वहीं, भाजपा खेमे में इस हार ने चिंता की लकीरें खींच दी हैं। पार्टी के स्थानीय नेताओं से लेकर प्रदेश नेतृत्व तक अब हार के कारणों की समीक्षा करने की तैयारी में जुट गए हैं। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि स्थानीय स्तर पर संगठन की पकड़ कमजोर होना, आंतरिक गुटबाज़ी और मतदाताओं से संवाद की कमी भाजपा के लिए भारी पड़ गई।
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस अब इस जीत का फायदा उठाकर ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में अपनी पैठ मज़बूत करने की रणनीति बना रही है, जबकि भाजपा को नए सिरे से जनसंपर्क अभियान चलाना पड़ सकता है।
रिपोर्ट: एलिक सिंह — संपादक, समृद्ध भारत समाचार / वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
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