
श्री बंशीधर नगर – अनुमंडल क्षेत्र के कोइन्दी स्थित मदरसा दारुल उलूम समसिया कादरिया के मोहतमिम मौलाना असरफ हुसैन अंसारी के निधन की खबर से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है।
जानकारी के अनुसार मौलाना अशरफ हुसैन अंसारी मदरसा कोइन्दी के संस्थापक थे और बीते 38वर्षों से लगातार इस मदरसे की सेवा में लगे हुए थे। शिक्षा के क्षेत्र, विशेषकर उर्दू, अरबी और हाफिजी तालीम को बढ़ावा देने में उन्होंने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके अथक प्रयासों से सैकड़ों बच्चों ने धार्मिक शिक्षा प्राप्त कर अपने जीवन को दिशा दी।
मौलाना का निवास कधवन ग्राम में था और वहीं के कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द-ए-ख़ाक किया गया ।
परिजनों के अनुसार, शुक्रवार की देर शाम अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। उन्हें उल्टियां होने लगीं, जिसके बाद परिजन आनन-फानन में उन्हें नगर के एक निजी क्लीनिक में लेकर गए। हालत नाजुक होने पर उन्हें डाल्टनगंज रेफर किया गया, लेकिन रांची नाते समय कुडू के पास उन्होंने अंतिम सांस ली
उनके निधन से क्षेत्र के शैक्षिक, धार्मिक और सामाजिक जीवन में गहरी रिक्तता आ गई है। लोग उन्हें हमेशा उनके कार्यों और सेवाभाव के लिए याद रखेंगे।
झामुमो केंद्रीय समिति सदस्य ताहीर अंसारी ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा, “मौलाना असरफ हुसैन अंसारी इस क्षेत्र में उर्दू और अरबी तालीम की शुरुआत करने वालों में अग्रणी थे। उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता।” कधवन मुखिया फिरदौस आलम ने भी दुख प्रकट करते हुए कहा, “मौलाना असरफ हुसैन अंसारी ने सिर्फ मदरसा की नींव नहीं रखी, बल्कि एक पूरी पीढ़ी को ज्ञान और संस्कार की राह दिखाई। उनके जाने से हमने एक मार्गदर्शक, समाजसेवी और सच्चे शिक्षाविद् को खो दिया है। जनाजे की नमाज हज़रत पीरे तरीकत हुजूर नसीरेमिल्लत साहब के द्वारा नमाज अदा कराया गया।
मौके पर हजरत मौलाना मसूद रजा, मौलाना एजाज अंजुम, महमूद आलम, असग़र अंसारी, कलाम खान, गयासुद्दीन अंसारी, तस्लीम अ करदौस आलम, डॉ समसूदिन खान, सहित हजारों की 3 स लोग उपस्थित