[pj-news-ticker]

A2Z सभी खबर सभी जिले कीअन्य खबरेउत्तर प्रदेशताज़ा खबरदेश

सहारनपुर में बड़ी खबर : हाजी इकबाल के बेटे जेल से रिहा सुप्रीम कोर्ट के आदेश से तीन साल बाद मिली आज़ादी, परिजनों में खुशी, सियासत में हलचल

सहारनपुर जिले में गुरुवार को माहौल उस समय बदल गया जब लंबे समय से जेल में बंद हाजी इकबाल के चारों बेटों को रिहा कर दिया गया।

चैनल से जुड़ने के लिए इमेज पर क्लिक करें

सहारनपुर में बड़ी खबर : हाजी इकबाल के बेटे जेल से रिहा

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से तीन साल बाद मिली आज़ादी, परिजनों में खुशी, सियासत में हलचल

सहारनपुर। सहारनपुर जिले में गुरुवार को माहौल उस समय बदल गया जब लंबे समय से जेल में बंद हाजी इकबाल के चारों बेटों को रिहा कर दिया गया। तीन वर्षों से सलाखों के पीछे बंद इन चारों बेटों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जेल से बाहर आने की इजाज़त मिली। जैसे ही जेल प्रशासन ने औपचारिकताएं पूरी कीं, परिजनों और समर्थकों की भीड़ स्वागत करने पहुंच गई।

तीन साल की क़ैद का अंत

हाजी इकबाल का नाम प्रदेश की राजनीति और अवैध खनन कारोबार से हमेशा जुड़ा रहा है। तीन साल पहले अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में जांच एजेंसियों ने कार्रवाई करते हुए उनके बेटों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। लगातार कानूनी लड़ाई लड़ते हुए परिवार ने अब राहत की सांस ली है।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश बना राहत का कारण

लंबी सुनवाई और बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश देते हुए चारों बेटों की रिहाई का रास्ता साफ किया। फैसले के बाद गुरुवार को जेल प्रशासन ने उन्हें रिहा कर दिया। इस आदेश के बाद सहारनपुर ही नहीं बल्कि लखनऊ और दिल्ली तक राजनीतिक चर्चाएँ तेज हो गईं।

परिवार और समर्थकों में जश्न का माहौल

जेल से बाहर आते ही चारों बेटों का समर्थकों ने फूल-मालाओं से स्वागत किया। मिठाई बाँटी गई और नारे लगाए गए। परिजनों ने इसे न्याय की जीत बताया। वहीं कुछ राजनीतिक विरोधियों ने इस रिहाई पर सवाल उठाते हुए इसे जांच एजेंसियों की नाकामी करार दिया।

सियासत में उठने लगे सवाल

हाजी इकबाल का परिवार पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में लंबे समय से प्रभावशाली रहा है। बेटों की रिहाई के बाद यह चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि आने वाले समय में इस परिवार की राजनीति में वापसी की कोशिशें तेज हो सकती हैं। विरोधी दल इसे लेकर सतर्क हो गए हैं और समर्थक इस फैसले को ऐतिहासिक बता रहे हैं।

जनता की मिश्रित प्रतिक्रिया

जहाँ समर्थक जश्न मना रहे हैं, वहीं आम जनता के बीच इस फैसले को लेकर मतभेद नज़र आ रहे हैं। कुछ लोग इसे कानून और न्यायपालिका पर भरोसे का परिणाम बता रहे हैं, जबकि कुछ का कहना है कि इससे न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े होते हैं।

रिपोर्ट : एलिक सिंह
संपादक — समृद्ध भारत समाचार पत्र / वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
📍 उत्तर प्रदेश महासचिव — भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद
📞 +91 82175 54083


[yop_poll id="10"]
Back to top button
error: Content is protected !!