सिद्धार्थनगर। पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने से जुड़े मामले की जांच में जुटी पुलिस के हाथ कई अहम सुराग लगे हैं, जो केस का मजबूत बनाएंगे। इसी के सहारे पुलिस मजबूती से केस को लड़ सकेगी। साॅल्वर और पेपर लीक से जुड़े आरोपियों के पकड़े जाने के बाद कई बैंक खाते पकड़े में आए हैं। जिसमें हुए लेनदेन की जानकारी पुलिस जुटा रही है। ट्रांजेक्शन से जुड़ी जानकारी के लिए पुलिस बैंक को पत्राचार भी कर रही है। इससे यह राज सामने आ जाएगा कि सौदा कितने में होता था। वहीं, लीक मामले में जुड़े लोगों की तलाश में एक टीम लगी हुई है।जिले में 17 है और 18 फरवरी को पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा हुई थी। इसमें 10 साॅल्वर और अभ्यर्थी पकड़े गए थे। इनके खिलाफ धोखाधड़ी परीक्षा अधिनियम सहित अन्य धारा में केस दर्ज करके पुलिस मामले की छानबीन कर रही थी। पकड़े गए साॅल्वर के एक सहयोगी से कुछ अहम जानकारी मिली थी। पुलिस कड़ी से कड़ी जोड़कर आगे बढ़ी तो पता चला कि यह पेपर लीक करने में भी ये शामिल थे। तीन बार में पेपर लीक करने वाले 10 आरोपी पुलिस के हाथ लगे।
सूत्रों के अनुसार, पुलिस अब इस नतीजे पर पहुंची है कि बैंक से कितना लेनदेन हुआ है। क्योंकि मोबाइल फोन पर लेनदेन से संबंधित हुई चैटिंग को पुलिस ने खंगाला और पूछताछ की तो उसे कई बैंक खाते मिले हैं। जांच टीम संबंधित बैंक को पत्राचार कर रही है और उनसे यह जानकारी मांग रही है कि संबंधित खाते से कब और कितने का लेनदेन हुआ है। जब लेनदेन से जुड़ा डिटेल मिल जाएगा तो यह पुख्ता हो जाएगा कि कितने में सौदा होता था। लेनदेन की पुष्टि होने के बाद पुलिस के साक्ष्य मजबूत हो जाएंगे। जिसके सहारे केस को वह मजबूती से लड़ सकेगी। वहीं, एक टीम अभी लीक करने वालों की जांच में जुटी है। कारण गिरोह में अन्य लोगों के शामिल होने के इनपुट मिले हैं।
…जामताड़ा गैंग की तरह से कई खातों में ट्रांसफर किया गया रकम
जानकारी के अनुसार, साॅल्वरों और लीक करने वालों का गिरोह इतना शातिर है कि पुलिस से कई कदम आगे है। रुपये के लेनदेन में कई प्रकार से सतर्कता बरती है। केवल ही एक खाते में रुपये के आने के बाद तत्काल निकाल नहीं लिया गया है। बल्कि उसे एक से दूसरे और तीसरे व चौथे खाते में ट्रांसफर कर दिया है। यह जामताड़ा से साइबर ठगी करने वालों की तर्ज पर होसियारी किए हैं। जिससे कोई उनतक पहुंच न सके। फिलहाल पुलिस ने जांच छेड़ दिया है। अब यह देखना है कि सफलता कहां तक हाथ लगेगी।
पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ और साक्ष्य के सहारे मामले की जांच की जा रही है। एटीएम और बैंक खाते के संबंध में जानकारी ली जा रही है।
संतोष कुमार तिवारी, प्रभारी निरीक्षक इटवा