रतलाम। ओमप्रकाश मालवीय। 26नवम्बर 1949 हमें यह याद दिलाता है कि हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं, जहां सभी नागरिकों को समान अधिकार और स्वतंत्रता प्राप्त हैं। भारतीय संविधान के मुख्य उद्देश्यों में संप्रभुता, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र और गणतंत्र शामिल हैं। इसके अलावा, न्याय, स्वतंत्रता और बंधुत्व भी भारतीय संविधान के उद्देश्यों का हिस्सा हैं। पूरे भारत के साथ रतलाम जिले में भी अंबेडकर सर्किल कोर्ट चौराहा पर संविधान दिवस का आयोजन रखा गया। जिसमें मुख्य अतिथि लॉर्ड बुद्धा फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूलाल सूर्यवंशी, मोहन परिहार, सलीम बागवान पार्षद, अनंत राम जाटव उपस्थित रहे। सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया वह मंच पर बहुजन महापुरुषों के चित्रों पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम प्रारंभ किया गया। सभी अतिथियों ने संविधान दिवस के उपलक्ष में अपने-अपने विचार व्यक्त किये । मंच के माध्यम से राष्ट्रीय अध्यक्ष सूर्यवंशी ने लॉर्ड बुद्धा फाउंडेशन का जिलाअध्यक्ष (रतलाम) दुर्गा शंकर खींची को बनाया। इसी कड़ी में संविधान दिवस के दिन 26 नवंबर से 6 दिसंबर तक सामाजिक सहयोग से तेजपाल डाबी पलदूना द्वारा संविधान जागरूकता रथ यात्रा को राष्ट्रीय अध्यक्ष बी एल सूर्यवंशी द्वारा हरी झंडी दिखाकर अंबेडकर सर्किल कोर्ट चौराहे से रवाना किया गया जो रतलाम जिले के पांचो विधानसभा के प्रत्येक गांव में जाकर ग्राम वासियों को संविधान के प्रति जागरूक करने का काम करेगी। इस मौके पर मुख्य रूप से दुर्गा शंकर खींची ,सी एल गोतम , डाक्टर आषा मेडम, प्रतीभा मुड़त, ज्योति पटवा, ओमप्रकाश मालवीय बोरसिया, विजय ओहारे, अन्त राम जाटव,रुघनाथ डाबी, सलीम बागवान, प्रभु सोलंकी,सुनील चौहान, गोविंद राम दडीग, तेजपाल डाबी, अजय गोठवाल, मितेश भरकुन्जा, विष्णु, प्रभु, भगवान सिंह,निलमसिह, आदि मौजूद रहे कार्यक्रम का संचालन दुर्गा शंकर खींची जी द्वारा किया गया वह आभार प्रतिभा मुड़त ने माना।
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