रविवार दिनांक 15 12 2024 को सूचक तिलक राम मनहर पिता तीरथ राम मनहर उम्र 30 वर्ष पता ग्राम बोड़सरा थाना चकरभाठा ने थाने में उपस्थित होकर मौखिक सूचना दर्ज कराई कि उनका भतीजा नाम सुरेंद्र कुमार धृतलहरे पिता माखन धृतलहरे उम्र 13 वर्ष पता ग्राम बोड़सरा जो शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बोड़सरा में कक्षा छठवीं का छात्र था वह रविवार को स्कूल का छुट्टी होने से घर पर ही था घर के पास रखे सीमेंट के ईंटे को फोड़ फोड़कर धूल उड़ा रहा था जिसकी वजह से उसकी मां तुलसी धृतलहरे इट फोड़ने से धूल उड़ाने से मना की तो वह गुस्से में घर के कमरे तरफ चला गया था जो दोपहर करीब 1:30 बजे घर के कमरे में लगे छत के लोहे के पाइप से गमछा बांधकर खाट के जरिए चढ़कर फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया है
सूचना पर चकरभाठा पुलिस घटनास्थल पहुंची जहां मृतक बालक नाम सुरेंद्र कुमार का शव फांसी के फंदे पर लटका पड़ा था जिसे परिजनों की उपस्थिति में उतार कर मर्ग इंटीमेशन कायम कर जांच में लिया गया है एवं शव को पीएम के लिए बिल्हा के मर्चुरी में रखवा दिया गया था जिसके शव को आज सोमवार 1 बजे के करीब पीएम करने के पश्चात परिजनों को सौप गया है
इस घटना से परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है एवं गांव में शोक की लहर है कि आखिर इतने छोटे बालक ने क्यों फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली सभी के घर में माता-पिता द्वारा बच्चों को गलत करने पर रोक टोक जाता है ताकि बच्चे गलत आदतों के शिकार न हो जाए लेकिन आज के जमाने के बच्चे गुस्से में आकर बिना किसी बड़े कारण के इस तरह से मौत को गले लगा रहे हैं यह चिंता का विषय है
ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार मृतक बालक तीन भाई तीन बहन थे जिसमें मृतक बालक चौथा नंबर का था
मृतक के माता-पिता अत्यधिक बच्चे होने की वजह से बच्चे बिगड़ ना जाए इस चिंता में थोड़े कड़े शब्दों का प्रयोग किया करते थे लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं कि माता-पिता के डांटने पर कोई बच्चा इस तरह से आत्महत्या कर ले।
इसलिए हमारे न्यूज़ टीम इस तरह के मामलों को देखते हुए समाचार देखने वाले आम नागरिकों एवं नाबालिक बालक बालिकाओं से आग्रह करती है कि जब भी आप गुस्से में हो व आपको कोई भी रास्ता नजर ना आता हो बार-बार आत्महत्या करने का मन करता हो तो एक बार अपने सबसे अच्छे मित्र अपने रिश्तेदार जिन्हें आप बहुत पसंद करते हैं या फिर अपने परिजन माता-पिता भाई बहन किसी से भी अपने दिल की बात को रखकर सलाह ले निश्चित तौर पर आपको समझने का प्रयास किया जाएगा और आपकी समस्याओं का रास्ता निकाला जाएगा आत्महत्या करना ही समस्या का समाधान नहीं इसके साथ ही शिक्षकों को भी बच्चों को गुस्से पर नियंत्रण करने के तरीके समझाए जाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में कोई भी बच्चा आत्महत्या करने का प्रयास न करें
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