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राकेश झंवर -जगदलपुबस्तरर -छत्तीसगढ़
जगदलपुर :बस्तर ओलंपिक 2024 के समापन सत्र में आया हूं और आज बस्तर बदल रहा है, लेकिन आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं 2026 के बस्तर ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में आऊंगा और कहूंगा कि बस्तर बदल चुका है. बस्तर ओलंपिक केवल 1 लाख 65 लोगों की खेल प्रतिस्पर्धा तक सीमित नहीं है बल्कि यह समूचे बस्तर के उम्मीदों की पहचान बनने वाला है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज बस्तर ओलंपिक 2024 के समापन सत्र में मार्च 2026 तक नक्सल उन्मूलन के संकल्प को दोहराते हुए यह बातें कही.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने समापन सत्र के दौरान नुवा बाट के व्हीलचेयर रेस, रिले रेस, रस्साकसी सहित अन्य प्रतिस्पर्धाओं का फाइनल मुकाबला देखा. साथ ही बस्तर अंचल के प्रसिद्ध नृत्य, नुक्कड़ नाटक और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी देखी. कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णु साय सहित अतिथियों ने बस्तर ओलंपिक 2024 के विजेताओं यूथ आइकॉन को प्रशस्ति पत्र और मेडल देकर सम्मानित किया. इस दौरान बस्तर ओलंपिक 2024 के विधिवत घोषणा की गई और ध्वज मुख्य अतिथि को सौंपा गया.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बस्तर ओलंपिक नक्सलवाद के कॉफिन में अंतिम कील ठोकने का काम करेगा. बस्तर ओलंपिक लाखों आदिवासी युवाओं को गलत रास्ते में जाने से रोकेगा और उन्हें भारत निर्माण से जोड़ेगा.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि बस्तर ओलंपिक क्षेत्र में शांति सुरक्षा और विकास की नई नींव डालने वाला है.
बस्तर बदल रहा है, से बस्तर बदल गया, के यात्रा की शुरुआत इस ओलंपिक ने की है. केंद्रीय मंत्री श्री शाह ने कहा कि दुनिया में जब भी भारत को किसी स्पर्धा में मेडल मिलता है तो उसमें से आधे मेडल हमारे आदिवासी बच्चें लेकर आते हैं. उन्होंने कहा कि खेलों की और विकास की जो आज शुरुआत हुई है, वह आने वाले दिनों में बस्तर के आदिवासी बच्चों के लिए विश्व भर के क्षितिज खोलेगा. श्री शाह ने नक्सलवाद को छोड़कर मुख्य धारा से जुड़ने वाले सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी.
*गत एक साल में छत्तीसगढ़ सरकार ने लिखी बस्तर के विकास की नई इबारत*
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नक्सली हिंसा से प्रभावित दिव्यांगों की जो आज व्हीलचेयर रेस हुई है, यह बस्तर के विकास की रेस है. उन्होंने कहा कि एक दौर था जब बस्तर में मूलभूत सुविधाएं तक नसीब नहीं थी, लेकिन पिछले 1 साल में छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर के विकास की नई इबारत लिखी है और बस्तर के गांव – गांव तक शासकीय योजनाओं का लाभ लोगों को मिल रहा है. केंद्रीय मंत्री श्री शाह ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में नक्सलियों के खिलाफ अभियान में तेजी आई और पिछले 1 साल में नक्सल मोर्चे पर बड़ी सफलता हांसिल हुई है.
केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने कहा कि आज मैंने नुवा बाट दस्ते की प्रतिभा को देखा और मेरा मन संवेदना से भर गया। ये नुवा बाट खिलाड़ियों का दस्ता देश के लिए उम्मीद की नई किरण है. उन्होंने बस्तर के युवाओं से कहा कि हार मानने वाला कभी नहीं जीतता बल्कि जीतता वो है जो कभी हार नहीं मानता. मुझे पूरा विश्वास है कि 2026 के ओलंपिक में जब बस्तर की कोई बेटी मेडल लेकर आएगी तो देश को उस पर गर्व होगा और हम इसी संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं. केंद्रीय मंत्री श्री शाह ने आदिवासी क्षेत्रों के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी. उन्होंने एकलव्य स्कूल, आदिवासी आदर्श ग्राम योजना, प्रधानमंत्री पीवीटीजी डेवलपमेंट मिशन, जनजाति उन्नत ग्राम योजना सहित अन्य योजनाओं से जुड़ी जानकारी साझा की.
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर ओलंपिक में भाग लेकर प्रतिभागियों को ऐतिहासिक सफलता के लिए बधाई देते हुए कहा कि बस्तर ओलंपिक का यह आयोजन केवल खेल नहीं है, बल्कि बस्तर की संस्कृति, उत्साह और प्रतिभा का उत्सव है. यह आयोजन एक संदेश देता है कि बस्तर का असली चेहरा इसकी सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सुंदरता है न कि माओवादी हिंसा. मुझे यह कहते हुए गर्व की अनुभूति हो रही है कि बस्तर ओलम्पिक के माध्यम से हमने इस अंचल के युवाओं की ऊर्जा को खेल के माध्यम से एक सकारात्मक दिशा देने में सफल रहे हैं. इस आयोजन के माध्यम से हमने युवाओं को शासन – प्रशासन से जोड़कर विकास के कार्यों में सहभागी बनने की ओर उन्मुख किया है. ओलंपिक में शामिल खिलाड़ियों ने आज यह संदेश दिया कि बस्तर में बदलाव की बयार चल पड़ी है. नक्सलवाद का समाधान केवल पुलिस कार्रवाई से नहीं, बल्कि शिक्षा, खेल और रोजगार के सकारात्मक अवसर प्रदान करने से होगा और बस्तर ओलंपिक इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. इस आयोजन के माध्यम से हमने न केवल बस्तर के युवाओं की छुपी प्रतिभा को देखा, बल्कि उन आत्मसमर्पित भाइयों और बहनों की प्रतिभा को भी देखा, जिन्होंने हिंसा की माओवादी विचारधारा को छोड़कर मुख्यधारा में वापसी की है. आज चेहरों पर जो मुस्कान है, वह एक खुशहाल और शांतिपूर्ण बस्तर का प्रतीक है.
बस्तर ओलंपिक की सबसे खास बात ये रही कि इसमें
300 से अधिक नुवा बाट (आत्म समर्पित माओवादी) बढ़
चढ़कर हिस्सा लिया इसके साथ ही 18 से अधिक
माओवादी हिंसा में प्रभावित दिव्यांग खिलाड़ी भी शामिल
हुए. संभाग स्तरीय बस्तर ओलंपिक में मुख्य रूप से
फुटबॉल, वॉलीबॉल, कराटे, वेटलिफ्टिंग, बैडमिंटन,
कबड्डी, आर्चरी, एथलेटिक्स, रस्साकसी, हॉकी और
रिलेरेस शामिल है. इस मौके पर केबिनट मंत्री केदार
कश्यप, लोकसभा सांसद बस्तर महेश कश्यप, उपाध्यक्ष
बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण एवं विधायक
कोंडागांव सुश्री लता उसेंडी, विधायक जगदलपुर किरण
देव, केशकाल विधकयक नीलकंठ टेकाम, चित्रकोट
विधायक विनायक गोयल, कांकेर विधायक आशाराम
नेताम, जिला पंचायत अध्यक्ष बस्तर श्रीमती वेदवती
कश्यप, छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग अध्यक्ष विश्व विजय
सिंह तोमर, महापौर नगर निगम जगदलपुर श्रीमती सफिरा
साहू सहित अन्य जनप्रतिनिधि और केन्द्र शासन एवं राज्य
शासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा हजारों की संख्या में
खेलप्रेमी गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे.