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गोरखपुर लखनऊ लिंक एक्सप्रेस वे को जल्द शुरू करने की कोशिश जारी
उत्तर प्रदेश में हाईटेक सड़क मार्गों को विकसित किया जा रहा है। एक्सप्रेसवेज को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने की प्रक्रिया पर भी काम चल रहा है। एक्सप्रेसवे को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने से यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं में इजाफा तो हो रहा हैA
UP में ‘एडवांस्ड’ रफ्तार के लिए हो जाएं तैयार
पूर्वी यूपी यानी गोरखपुर से लखनऊ को जोड़ने के लिए गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे अहम भूमिका के तौर पर नजर आएगा। 91 किलोमीटर लंबा तक फैला यह 4 लेन एक्सप्रेसवे गोरखपुर और आजमगढ़ को जोड़ेगा। इसके अलावा यह पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से भी जुड़ेगा, जिससे लखनऊ और गोरखपुर के बीच अधिक सुविधाजनक मार्ग और कम समय में यात्रा पूरी हो सकेगी। इस हाईटक मार्ग से गोरखपुर, अम्बेडकरनगर, संतकबीरनगर, आजमगढ़ सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे। इसका कार्य लगभग पूरा हो चुका है। कयास लगाए जा रहे हैं कि सितंबर महीने में इसे आम जनता को सौंप दिया जाएगा। इसी बीच तहसील आलापुर क्षेत्र में कम्हरिया घाट के दूसरी ओर गोरखपुर के बेलघाट के पास सरयू नदी की धारा मुड़कर लिंक एक्सप्रेसवे की ओर हो गई। इसके चलते बांध एवं एक्सप्रेसवे की ओर कटान शुरू हो गया। इस समस्या से निपटने के लिए यूपीडा ने उप्र राज्य सेतु निगम समेत अन्य कई विभागों की मदद लेनी शुरू की। 13 दिसंबर को आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों ने यहां का निरीक्षण कर हालात का जायजा लिया था। विशेषज्ञों ने नदी की धारा को दूसरी दिशा में न मोड़ने पर एक्सप्रेसवे को नुकसान पहुंचने की आशंका जताई थी। इसके बाद यूपीडा की ओर से से सरयू नदी पर ड्रेजिंग कार्य शुरू कराया गया है। एक्सप्रेसवे में बाधा बनी सरयू नदी की धारा को मोड़ने के लिए कराए जा रहे ड्रेजिंग कार्य का सोमवार का मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने निरीक्षण किया। मुख्य सचिव ने अब तक हुए कार्यों की प्रगति देखी और गुणवत्तापरक ढंग से कार्य किया जाने के निर्देश दिए। कहा अधिकारी समय-समय पर निगरानी करें, ताकि लिंक एक्सप्रेसवे को जल्द से जल्द शुरू किया जा सके। वर्तमान में नदी की धारा मोड़ने के साथ बांध को मजबूत बनाने और पुल के पास ठोकर निर्माण का कार्य चल रहा है। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बेलघाट पर होने वाले कार्यों को देखा। साथ ही कम्हरिया में रुककर डीएम अविनाश सिंह व एसपी केशव कुमार से मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी ली। इसके बाद मुख्य सचिव मौके से रवाना हो गए। डीएम ने बताया कि गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का मुख्य सचिव ने निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं।
खुलने वाला है 91KM लंबा हाईटेक एक्सप्रेसवे
मोशन डिटेक्शन सर्विलांस कैमरा व व्हीकल स्पीड डिटेक्शन सिस्टम को गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ इंस्टॉल किया जाएगा। इससे, ओवरस्पीडिंग करने वाली गाड़ियों के विषय में अलर्ट जारी हो सकेगा और कंट्रोल रूम द्वारा इसे तुरंत ट्रैक किया जा सकेगा। वहीं, वीडियो इंसिडेंट डिटेक्शन एनफोर्स्ड सिस्टम (वीआईडीएस) तथा इंसिडेंट डिटेक्शन एनफोर्स्ड सिस्टम (आईडीएस) को भी आईटीएमएस प्रक्रिया के अंतर्गत लागू किया जाएगा। चयनित एजेंसी को इन सभी इक्विप्मेंट्स की प्रोक्योरमेंट, इस्टॉलेशन, ऑपरेशन व मेंटिनेंस से संबंधित कार्यों को पूर्ण करना होगा। इसके अतिरिक्त यूपीडा स्टाफ को इसके संचालन के लिए ट्रेनिंग भी उपलब्ध करायी जाएगी। इस क्रम में, टेक्निकल स्टाफ व कंट्रोल रूम ऑपरेशन स्टाफ की नियुक्ति का कार्य भी एजेंसी द्वारा पूर्ण किया जाएगा। गोरखपुर को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण कराया जा रहा है। चार लेन वाले इस लिंक एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 91.352 किमी है जो गोरखपुर बाईपास राष्ट्रीय राजमार्ग-27 पर जैतपुर ग्राम के निकट से शुरू होकर जनपद आजमगढ़ के ग्राम सालारपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के चैनेज 190+855 पर जाकर मिलेगा। यह लिंक एक्सप्रेसवे संतकबीरनगर व अंबेडकरनगर से भी होकर गुजरा है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) की ओर से दिसंबर में निर्माण पूरा कर उद्घाटन की तैयारियां शुरू कर दी गई थीं। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से आर्थिक विकास के साथ कृषि क्षेत्र, व्यापार, पर्यटन और उद्योग धंधों, होटल रेस्टोरेंट में बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा एक्सप्रेसवे के दोनों ओर औद्योगिक कॉरिडोर बनाए जाएंगे, जिससे स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिलेगा। साथ रियल स्टेट क्षेत्र को बूस्ट मिलेगा। वहीं प्रदेश में लॉजिस्टिक्स संबंधी मूवमेंट को भी सुरक्षित निगरानी उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में सुधार हुआ है। इस क्रम में विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई थी, जिसे क्रियान्वित करते हुए अब गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे को एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से लैस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने क्रियान्वित करते हुए एजेंसी निर्धारण और कार्यावंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इससे पहले, यूपीडा द्वारा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को भी आईटीएमएस युक्त करने की प्रक्रिया को लेकर भी कार्य शुरू किया गया था जो कि निरंतर प्रगति पर है।