– नालसा स्कीम नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर लीगल लिटरेशी क्लास आयोजित
गोड्डा : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से नालसा स्कीम नशीली दवाओं के दुरुपयोग के पीड़ितों को कानूनी सेवाएं एवं नशीले पदार्थें के खतरे का उन्मूलन विषय पर उर्दू कन्या मवि परिसर में विधिक साक्षरता कक्षा का आयोजन किया गया। इस दौरान डालसा की ओर से गठित टीम के सदस्यों ने ग्रामीणों को जागरुकता का पाठ पढ़ाया। डालसा टीम में शामिल अधिकार मित्र नवीन कुमार , बासुदेव मणीनंदन कुमार, इंतेखाब आलम
कार्यक्रम में मौजूद छात्राएं
आदि ने नशा उन्मूलन को लेकर नालसा स्कीम नशीली दवाओं के दुरुपयोग सहित अन्य कानूनी बातों की जानकारी दी। बताया कि हमारे देश में नशा करने वाले की संख्या बढ़ती जा रही है तथा नशा करना अपनी शान समझते हैं। नशा का सेवन करने से इसका दुष्परिणाम अपराधिक घटनाएं. खतरनाक बीमारियां. परिवार में तनाव, वाद विवाद.. घरेलू हिंसा.. आर्थिक तंगी होती है। बच्चों का सही से भरण-पोषण तथा शिक्षित नहीं कर पाना मुश्किल हो जाता है। परिवार में बिखराव का डर, खतरनाक बीमारियाें के इलाज करने की समस्या बन जाती है। इस प्रकार जिंदगी नरक बन जाती है। नशे करने करने वाला व्यक्ति चाह कर भी नशा छोड़ पाना मुश्किल हो जाता है और धीरे-धीरे इनकी मजबूरी हो जाती है। नशा सिर्फ शराब नहीं बल्कि ड्रग्स, गांजा, दारू, डेंड्राइड, नशीली मेडिसिन, तंबाकू, खैनी, गुटखा आदि अन्य चीजें हैं। इसका सेवन करने से गंभीर परिणाम होते हैं। नशे की लत अब कम उम्र के बच्चे में भी खैनी. गुटखा. सिगरेट. तंबाकू. मेडिसिन दवाई. जैसी नशा सेवन करने का डर बना रहता है । नशे की लत में बाल अपराध, पढ़ाई लिखाई एवं स्कूल का छूट जाना, माता-पिता से झूठ बोलना, माता पिता बड़ों का आदर न करना, हमेशा तनाव में रहता है। बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए स्कूल के आस-पास स्कूल से एक 100 मीटर की दूरी पर नशीला पदार्थ बेचने वालों पर कानूनी अपराध है । माता- पिता अपने बच्चों के प्रति सजग रहें तथा हरकत पर नजर रखें। नशा करने वाले पीड़ित व्यक्ति को नशा मुक्ति केंद्र के द्वारा इलाज भी किया जाता है तथा विधिक सेवाएं उपलब्ध कराई जाति है। इस अवसर पर विद्यालय की शिक्षक-शिक्षका व छात्र-छात्राएं उपस्थित थीं।