
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक जनसभा में कहा कि भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को कोई ‘हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ’ नहीं कहता। उन्होंने तथाकथित बुद्धिजीवियों पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग गुलामी की मानसिकता से हमारी हिंदू सभ्यता पर हमला कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत की आर्थिक प्रगति और विकास, उसकी सभ्यता और सांस्कृतिक मूल्यों से प्रेरित है और इसे किसी विशेष धर्म या विचारधारा से जोड़कर आंकना सही नहीं है। उन्होंने इस अवसर पर देशवासियों से आह्वान किया कि वे अपनी सभ्यता और सांस्कृतिक पहचान के प्रति गर्व महसूस करें और किसी भी प्रकार के मनमाने आलोचनात्मक दृष्टिकोण को चुनौती दें।
प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना दिया है, और इसे देश की सभ्यता और विकास के प्रति उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता के रूप में देखा जा रहा है।










