भोपाल.प्रारम्भ दुबे,24.04.2024,मध्यप्रदेश की गद्दी पर से मामा को हटाकर मध्य प्रदेश की गद्दी पर बेठे मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के कार्यकाल में सरकारी विभागों के अफसरों द्वारा प्रदेश की जनता को हो रही परेशानी से निराकरण के लिए चालू की गयी सीएम हेल्पलाइन सेवा अब सरकारी अफसरों की लापरवाही के कारण विफल होती दिखाई दे रहीं हैं, मध्यप्रदेश की सरकारी विभागों में गहरी नींद सोये अफसरों के कारण मध्य प्रदेश में जनता की प्रमुख शिकायतें चाहे वह सिचाई विभाग हो या खराब सङके,पेयजल अव्यवस्था हो या अवैध खनन से जुड़ी समस्या हो मध्य प्रदेश की जनता के लिए सरकारी विभाग में अफसर मोहन युग में कुम्भकर्ण की नींद सोये हुए है, मोहन युग मे राज्य की प्रजा की परेशानी को सुनने वाला कोई नहीं है, सबसे ज्यादा समस्या बुजुर्गों की पेन्शन से जुड़ी वित्त विभाग की लगभग 3620 से ज्यादा शिकायत पेंडिंग हैं, जबकि नामंत्रण और जमीन बंटवारे से जुड़ी की गयी लगभग 2385 से ज्यादा मामलो में की गयी जनता की शिकायतो को तो सरकारी अफसरों द्वारा छुआ तक नहीं गया है l मध्य प्रदेश में जनता से जुड़ी समस्याओं और शिकायतों का निराकरण निकालने हेतु सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से शिकायतें सबंधित विभाग को भेजी जाती हैं जेसे शिक्षा विभाग,पर्यावरण अनुमती,सरकारी हॉस्पिटल में डॉक्टर द्वारा परामर्श नहीं, अस्पतालों की सफाई व्यवस्था,बिजली समस्या, पी.एम आवास योजना का लाभ नहीं मिलने,अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग द्वारा छात्रवृति नहीं मिलने आदि शिकायतों को लेकर भी सरकारी अफसरों लापरवाह बने हुए हैं, यह हाल सभी 45 से अधिक विभागों की हालत है जिसमें मोहन युग मे प्रदेश की जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ।
मध्य प्रदेश के जिलों में पेंडिंग मामले,-
सीएम हेल्पलाइन में सबसे ज्यादा प्रदेश के रीवा जिले मे 1150 मामले पेंडिंग हैं। वहीं अन्य जिलों की बात करे तो, भोपाल में 990,जबलपुर में 720,इंदौर में 538,कटनी में 430,ग्वालियर में 580,छत्तरपुर में 450, महूगंज में 505,मुरैना में 510,शहडोल में 505,शिवपुरी में 665,सतना में 398,सागर में 377, सिंगरोली में 630,सीवनी में 332, सीधी में 368,खण्डवा में 318,राजगढ़ में 284,रायसेन में 284,विदिशा में 336 मामले आदि जिलों में पेंडिंग पड़े हुए हैं।
प्रदेश में प्रमुख विभागों द्वारा लंबित मामले,
बिजली विभाग 306,राशन नहीं मिलने 768,पुलिस विभाग 550,शहर से जुड़ी शिकायत 863,ग्रामीण विकास 435,आर.टी.ओ विभाग 222,पोषण आहार 1412,नामांतरण- बटवारा 2382,स्वास्थ्य सुविधा 1110,पेंशन सहित अन्य 3618,पेयजल समस्या 262,वन विभाग 138,पदोन्नति व अन्य 400,एडमिशन नहीं मिलने 302,चिकित्सा शिक्षा से जुड़ी 180