
केंद्रीय मंत्री के निर्देश भी पीएचई के अधिकारियों ने हवा में उड़ाए
अंचलों में हालात ऐसे कि दो दिन की मोहलत को गुजर गए महीनों, फिर भी पानी के लिए तरसे ग्रामीण बैतूल। पीएचई विभाग
के अधिकारियों द्वारा नलजल योजना का पूरे जिले में किए दोहन में केंद्रीय मंत्री के आदेश-निर्देश भी पीएचई अधिकारियों ने हवा में उड़ा दिए हैं। इसका उदाहरण भंैसदेही ब्लॉक का ग्राम जामूढाना हैं, जहां नलजल योजना का सत्यनाश किए जाने के आरोप ग्रामीणों ने केंद्रीय मंत्री डीडी उइके के सामने लगाए थे। योजना की दुर्दशा अपनी आंखों से देखने के बाद उइके ने मौके पर मौजूद अधीकारियों को दो दिनों के भीतर व्यवस्था चाक चौबंद करने के निर्देश देते ग्रामीणों को भी आश्वस्त किया था, लेकिन केंद्रीय मंत्री के निर्देश को भी पीएचई अधिकारी ने ताक पर रखा हुआ है। महीनों गुजर चुके हैं, लेकिन जामूढाना के हालात भी जस के तस बने हुए हैं। लापरवाह अधिकारी नलजल योजना को पलीता लगाने वाले ठेकेदारों के साथ गलबहियां करते ग्रामीणों की नाराजगी का कोपभाजन बन रहे हैं। इसी वजह जिले के सांसद और केंद्रीय मंत्री डीडी उइके को अपने ही लोकसभा क्षेत्र में ग्रामीणों की नाराजगी झेलनी पड़ रही है।
दो दिन में योजना शुरू करने मंत्री ने दिया था आश्वासन
भैसदेही ब्लाक के ग्राम जामूढाना में भी वर्ष 2022 में ही नलजल योजना का काम शुरू किया गया था। ग्राम पंचायत जामूढाना में वर्तमान में करीब 165 परिवार निवास कर रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों को पूरे ढाई साल बीतने के बावजूद इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। ग्रामीण राजा बारस्कर बताते हैं कि गांव में नरेंद्र मोदी की इस महत्वपूर्ण योजना का पीएचई के अधीकारियों और ठेकेदार ने मजाक बना कर रख दिया है। करोड़ों रुपए खर्च कर दिए गए, लेकिन ग्रामीणों आज भी साफ और स्वच्छ पेय जल की उपलब्धता से कोसो दूर हैं। लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद गांव में आए डीडी उइके ने ग्रामीणों कि इस समस्या को गम्भीरता से लेते हुए कहा था कि अगले दो दिनों में योजना शुरू करवा दी जाएगी, लेकिन स्थिति आज भी जस की तस बनी हुई है।
पाईप लाइन बिछाई, बोर में मोटर भी डाली, ट्रांसफार्मर का ठिकाना नहीं
नलजल योजना का अधिकारियों ने जिस तरह सत्यानाश किया है उसका गुस्सा ग्रामीणों के चेहरों पर साफ नजर आ रहा है। राजा बारस्कर ने बताया की योजना को लेकर आज तक न तो यहां बिजली का ट्रांसफार्मर लगाया गया और न ही योजना शुरू की जा सकी है । दो वर्ष पूर्व गांव में पाइप लाइन बिछाई थी। इसका अभी तक कोई उपयोग तक नहीं किया जा सका है। बोर में मोटर डाल दी है पर बिजली के अभाव में यह भी शुरू नहीं किया जा सका है।
गोकुल ग्राम की पाइपलाइन में जोड़ दी नई पाईप लाइन
नियम के मुताबिक नलजल योजना में ठेकेदार को अनुबन्ध के मुताबिक प्रत्येक कार्य नए सिरे से करना था, लेकिन पीएचई के अधिकारियों की शह पर कुछ पुरानी योजनाओं के संसाधनों को भी इसी योजना से जोड़कर अप्रत्यक्ष लाभ कमा लिया गया। ग्रामीण बताते हैं कि केरपानी में गोकुल ग्राम के तहत पूर्व विधायक शिवप्रसाद राठौर द्वारा एक बोर कराया था। इसी बोर की पाइप लाइन का उपयोग शुरू कर दिया गया है। इससे कुछ घरों में तो थोड़ा बहुत पानी मिल रहा, लेकिन गोंडीढाना, कोरकू ढाना, पाठाढाना में बोर तो किए गए पर वो भी सूखे पड़े हैं। ग्रामीणों का कहना है कि नलजल योजना में भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी और ठेकेदार के खिलाफ प्रशासन कार्रवाई क्यों नहीं करता है।