देवरिया,
कुंडा हत्या कांड, सीओ जियाउल हक की हत्या का आया फैसला, मिले 10 दोषी, 9 अक्टूबर को सुनाई जाएगी सजा।
11 साल बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने सुनाया फैसला, प्रतापगढ़ में कुंडा के सीओ की आक्रोशित भीड़ ने की थी हत्या।
प्रतापगढ़ में कुंडा के सीओ रहे जियाउल हक हत्याकांड का 11 वर्ष बाद शुक्रवार को आया फैसला, सीबीआई की विशेष अदालत ने फुलचन्द्र यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, रामलखन गौतम, छोटे लाल यादव, राम आसरे, मुन्ना पटेल, शिवराम पासी और जगत बहादुर पटेल उर्फ बुल्ले को दोषी करार दिया है।
विशेष न्यायाधीश धीरेंद्र कुमार ने मामले में आरोपी रहे सुधीर को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। बाकि 10 आरोपियों की सजा कोर्ट नौ अक्तूबर को सुनाएगी।
देवरिया के नूनखार टोला जुआफर के रहने वाले जियाउल हक हत्याकांड मामले में शुक्रवार को जमानत पर चल रहे सभी आरोपी कोर्ट में हाजिर हुए। कोर्ट ने सभी 10 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेजने का आदेश दिया और नौ अक्तूबर को सजा सुनाने के लिए जेल से तलब किया है।
इसमें मामले में चार एफआईआर दर्ज कराई गई थीं। पहली रिपोर्ट थाना प्रभारी मनोज शुक्ला ने प्रधान नन्हे लान यादव के भाइयों और बेटे समेत दस लोगों के खिलाफ दर्ज कराई थी। वहीं, प्रधान और सुरेश की हत्या को लेकर भी एफआईआर दर्ज हुई थी।
सीओ की पत्नी परवीनं आजाद ने इस मामले में आखिरी एफआईआर दर्ज कराई थी।
पुरा मामला दो मार्च 2013 की शाम साढ़े सात बजे जमीन विवाद के चलते प्रतापगढ़ के कुंडा के बलीपुर गांव के प्रधान नन्हे यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना की सूचना पर बड़ी संख्या में प्रधान नन्हें यादव के समर्थक हथियार लेकर बलीपुर पहुंच गए थे और कामता पाल के घर को आग के हवाले कर दिया था।
इसकी जानकारी होने पर सीओ कुंडा जियाउल हक तत्कालीन हाथीगवां थाना प्रभारी मनोज कुमार शुक्ला और कुंडा थाना प्रभारी सर्वेश मिश्र पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे, जहां भीड़ ने पुलिस को घेर लिया। इस पर पुलिसकर्मी भाग गए और भीड़ को समझा रहे सीओ से झड़प में प्रधान नन्हे पादव के छोटे भाई सुरेश यादव की गोली लगने से मौत हो गई। इसके बाद भीड़ ने सीओ जियाउल हक को लाठी डंडों से पीटने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी थी।
रात 11 बजे सीओ की तलाश शुरू हुई तो उनका शव प्रधान के घर के पीछे खड़जे पर मिला था।
उस दौरान पुलिस की विवेचना के दौरान ही तत्कालीन अखिलेश सरकार ने तिहरे हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।
सीबीआई ने आठ मार्च 2013 को मामला दर्ज कर विवेचना शुरू की थी। इस मामले में सीबीआई ने सबसे पहले अप्रैल 2013 में पवन यादव, फुलचन्द्र, मंजीत यादव और नन्हे यादव के किशोर बेटे को गिरफ्तार किया था, अब इस मामले में 10 आरोपियों की सजा नौ अक्टूबर को कोर्ट सुनाएगी।
इस मामले में राजा भैया को पहले ही मिल चूका है क्लीनचिट।