हाइलाइट्स
- रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष को तीन साल होने वाले हैं
- इस बीच अमेरिका के बी-52 बमवर्षक रूसी सीमा पर पहुंचे
- यह नाटो की ओर से रूस को तैयार रहने की चेतावनी है
ऐसी आशंका है कि युद्ध दूसरे देशों की सीमाओं तक फैल सकती है। जर्मनी अपनी सुरक्षा के लिए एहतियाती कदम उठाने वाला नवीनतम देश है। सोमवार को दो अमेरिकी वायु सेना बी-52 बमवर्षक उत्तरी यूरोप में प्रवेश करने से पहले उत्तरी सागर के ऊपर उत्तर-पूर्व की ओर बढ़े। रडार डेटा के मुताबिक विमान यूके के RAF फेयरफोर्ड से उड़ा और बाल्टिक सागर के ऊपर से उड़ान भरते हुए रूस के कलिनिनग्राद के करीब पहुंच गया।
रूस से लड़ने के लिए नाटो तैयार
द सन की रिपोर्ट के मुताबिक एक सैन्य विश्लेषक ने कहा, ‘बी-52 मिशन एक सीधा संदेश है। यह दिखाता है कि नाटो अपनी क्षेत्र की रक्षा करने के लिए किसी भी आक्रामकता का जवाब देने के लिए तैयार और सक्षम है।’ शीत युद्ध के बाद से बी-52 स्ट्रैटोफोर्ट्रेस अमेरिकी वायु सेना की ताकत का प्रतीक है। यह लंबी दूरी वाला बमवर्षक है जो कई तरह के घातक हथियार ले जाने में सक्षम है। इसकी सहनशीलता और अनुकूलन क्षमता इसे अमेरिका और उससे जुड़ी रक्षा रणनीतियों में महत्वपूर्ण बनाता है।
नाटो ने तैयार रहने को कहा
कलिनिनग्राद रूस के सबसे सैन्यीकृत क्षेत्रों में से एक है। यह यूरोप में है, जिसकी सीमा पोलैंड और लिथुआनिया से लगती है। इसके एक तरफ बाल्टिक सागर है। इसके करीब से उड़ान भरना सीधा संकेत है कि नाटो रूस की आक्रामकता का मुकाबला करने को तैयार है। ब्रुसेल्स में बोलते हुए नाटो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को व्यवसायों को युद्ध के जैसी मानसिकता अपनाने, रूस और चीन की आक्रामक नीतियों से पैदा हुई कमजोरियों को कम करने के लिए उत्पादन और सप्लाई चेन को एडजस्ट करने का आग्रह किया