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राम मंदिर के मुख्य पुजारी का निधन, लखनऊ PGI में ली आखिरी सांस

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राम मंदिर के मुख्य पुजारी का निधन, लखनऊ PGI में ली आखिरी सांस

अयोध्या। राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का निधन हो गया है। बुधवार सुबह 8 बजे सत्येंद्र दास ने अंतिम सांस ली। ब्रेन स्ट्रोक होने के बाद 3 फरवरी को उन्हें SGPGI में एडमिट कराया गया था। SGPGI के न्यूरोलॉजी विभाग के ICU में सत्येंद्र दास का इलाज चल रहा था। उनके निधन से शोक की लहर व्याप्त है। आचार्य सत्येंद्र दास बाबरी मस्जिद विध्वंस से लेकर राम मंदिर के भव्य प्राण प्रतिष्ठा के साक्षी रहे हैं। वो पिछले 34 सालों से राम जन्मभूमि परिसर में प्रभु श्रीराम की सेवा कर रहे है। आचार्य सत्येंद्र दास ने 28 साल तक टेंट में रहे रामलला की पूजा अर्चना की  है

बता दें कि बढ़ती उम्र के चलते कई बार आचार्य सत्येंद्र दास की तबीयब बिगड़ी थी पिछली बार पैर काम न करने की वजह से उनकी परेशानी बढ़ गई थी। बीपी और शुगर का इलाज निरंतर चल रहा था। डॉक्टरों का कहना था कि उन्हें सिवियर ब्रेन हेमरेज हुआ है। सीटी स्कैन की रिपोर्ट में 17 जगह पर ब्लड की क्लाटिंग होने की जानकारी दी गई थी। बढ़ती उम्र के चलते आचार्य सत्येंद्र दास के मंदिर आने जाने पर कोई शर्त लागू नहीं थी। वह जब चाहें मंदिर आ जा सकते थे।

सत्येंद्र दास को 6 दिसंबर सन 1992 को राम मंदिर का अस्थायी पुजारी बनाया गया था। इस दौरान सत्येंद्र दास की उम्र केवल 20 वर्ष थी। उन्होंने सांसारिक मोह माया का त्याग कर आजीवन रामलला का सेवा करने का संकल्प लिया था। उनका पूरे अयोध्या और यहां तक कि उससे परे भी व्यापक सम्मान है।

संतकबीरनगर जिले में हुआ था जन्म

सत्येंद्र दास का जन्म 20 मई, 1945 को यूपी के संतकबीरनगर जिले में हुआ था। बचपन से ही सत्येंद्र दास को अध्यात्म और रामलला से लगाव था। उम्र बढ़ने के साथ-साथ रामलला के प्रति उनकी श्रद्धा बढ़ती चली गई। सत्येंद्र दास अक्सर अपने पिता के साथ रामनगरी अयोध्या आते थे। इस दौरान उनकी मुलाकात अभिरामदास से हुई है। आगे चलकर अभिराम दास दास ने रामलला की लंबी लड़ाई लड़ी।

सीएम योगी ने दी श्रद्धांजलि

सीएम योगी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि परम रामभक्त, श्री राम जन्मभूमि मंदिर, श्री अयोध्या धाम के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र कुमार दास जी महाराज का निधन अत्यंत दुःखद एवं आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है। विनम्र श्रद्धांजलि! प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे तथा शोक संतप्त शिष्यों एवं अनुयायियों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति!

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