
जोधपुर । राष्ट्रीय जनचेतना न्यास की ओर से महाकुम्भ प्रयागराज की यात्रा कर आए श्रद्धालुओं का आयोजित महाकुम्भ हिंदुत्व का विराट दर्शन कार्यक्रम प्रताप नगर आदर्श विद्या मंदिर स्कूल में मंगलवार शाम को सैनाचार्य अचलानंद गिरि महाराज के सानिध्य , समाजसेवी सुरेश राठी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ ।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने कहा कि कुंभ दुनिया की प्राचीन व्यवस्था है हर बार मकर संक्रांति से लेकर महाशिवरात्रि तक का समय कुंभ का रहता है। मकर संक्रांति के माध्यम से धर्म व समाज को अनुकूल रहने का प्रशिक्षण मिलता है । इस पर्व पर खिचड़ी तिल खाते हैं जो मिलकर रहने का संदेश देता है ।महाशिवरात्रि जो शिव की भक्ति उपासना का पर्व है इसके माध्यम से हम सारी विष रूपी बुराइयां शिव को अर्पित कर देते हैं । बुराइयां दूर होती है कुंभ भी ऐसे विकारों को दूर करने का माध्यम है । मानव मानव रहे राक्षस ना बने इसके लिए कुंभ आयोजित होते हैं । अच्छाई वह बुराई में क्या अंतर है । राम और रावण में कई दृष्टियों से समानता थी जैसे दोनों राजा दोनों शिव भक्त दोनों चारों वेदों के ज्ञाता थे । लेकिन अंतर आचरण चरित्र में था इस कारण राम आचरण चरित्र से श्रेष्ठता के कारण पूजे गए । राम ने शबरी के बेर खाकर समरसता व छुआछूत पाप है का संदेश दिया था ।
उन्होंने कहा कि हिंदुत्व केवल पूजा पाठ नहीं बल्कि इसके माध्यम से अच्छे कर्म करने की प्रेरणा है । भक्ति मनुष्य को महापुरुष बनाती है ।अगर संतो जैसी धर्म आध्यात्मिक की भक्ति होती है । सनातन संस्कृति प्रबल होती है ।
ब्रह्मांड के चार तत्वों में पृथ्वी तत्व जोड़कर संसार का निर्माण नव वर्ष प्रतिपदा को हुआ । साथ ही मानव की उत्पत्ति भी नव वर्ष प्रतिपदा को हुई इस अर्थ में नववर्ष प्रतिपदा पृथ्वी दिवस भी है सृष्टि दिवस भी है ।
हमारे यहां जननी व जन्मभूमि को सबसे श्रेष्ठ मानने की परंपरा रही है राम का उदाहरण देते हुए कहा कि जन्म भूमि को महान व स्वर्ग से भी बेहतर बताया गया है ।
इस अवसर पर महाकुम्भ से आए भक्तों का भगवा दुप्पटा पहना स्वागत किया गया ।
कार्यक्रम में न्यास के महेंद्र दवे प्रांत प्रचारक विजयानंद सहित पदाधिकारी उपस्थित थे । आभार व्यक्त ललित शर्मा ने किया ।