
जागरूकता: साइबर ठगों के खिलाफ सबसे अचूक हथियार
शिवानी जैन एडवोकेट
ऑल ह्यूमन सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन कोर कमेटी मेंबर शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा कि
आज के डिजिटल युग में, जहाँ इंटरनेट हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है, वहीं साइबर अपराधों का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है। साइबर ठग नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने में लगे हुए हैं, और उनकी इस जालसाजी से बचने का एकमात्र अचूक हथियार है – जागरूकता।
साइबर ठग विभिन्न तरीकों से लोगों को ठगते हैं, जैसे कि:
फ़िशिंग: वे नकली ईमेल, संदेश या वेबसाइटों का उपयोग करके लोगों की व्यक्तिगत जानकारी, जैसे कि पासवर्ड और बैंक खाते की जानकारी चुराते हैं।
रैंसमवेयर: वे कंप्यूटरों को लॉक कर देते हैं और डेटा वापस देने के लिए फिरौती मांगते हैं।
सोशल इंजीनियरिंग: वे लोगों को धोखा देने और उनकी जानकारी प्राप्त करने के लिए मनोवैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग करते हैं।
उन्होंने इन ठगों से बचने के लिए विस्तार पूर्वक प्रकाश डालते हुए कहा कि
सतर्क रहें: किसी भी संदिग्ध ईमेल, संदेश या वेबसाइट पर क्लिक न करें।
अपनी व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित रखें: अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी अजनबी को न दें।
मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें: अपने सभी खातों के लिए मजबूत और अद्वितीय पासवर्ड का उपयोग करें।
एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें: अपने कंप्यूटर और मोबाइल उपकरणों पर एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर स्थापित करें।
जागरूकता फैलाएं: अपने परिवार और दोस्तों को साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूक करें।
थिंक मानवाधिकार संगठन की एडवाइजरी बोर्ड मेंबर डॉ कंचन जैन, मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक डॉ एच सी विपिन कुमार जैन, निदेशक डॉ नरेंद्र चौधरी एडवोकेट, डॉ आर के शर्मा, डॉ सुरेंद्र सिंह, आलोक मित्तल एडवोकेट, ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट, आदि ने कहा कि
साइबर ठगों के खिलाफ जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है। जब हम जागरूक होंगे, तो हम उनकी जालसाजी से बच सकेंगे और अपने डिजिटल जीवन को सुरक्षित रख सकेंगे।