
जिम्मेदार निकाल रहे हैं स्वच्छ भारत की अर्थी?!
सिद्धार्थनगर::(यूपी)
✍️अजीत मिश्रा ✍️
बिना संचालन के ही बदहाल हो गया सामुदायिक शौचालय त्रिलोकपुर।
लाखों रुपए की लागत से बना सामुदायिक शौचालय बदहाल, ग्रामीण खुले में शौच जाने के लिए मजबूर।
सामुदायिक शौचालय बदहाल, जिम्मेदार कागजों में चला रहे हैं स्वच्छता अभियान की बयार।
सिद्धार्थनगर स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय बनाए गए हैं ताकि गांव को खुले में शौच मुक्त कर ओडीएफ की श्रेणी में लाया जा सके। मगर हकीकत में सामुदायिक शौचालयों की स्थिति बाद् से बदतर है। कहीं- कहीं शौचालयों में दरवाजा, सीट, टोटी नहीं है, तो कहीं पानी की आपूर्ति नहीं है। कहीं पानी की टंकी नहीं, तो कहीं शौचालयों के अन्दर 08-08 फिट ऊंचे बरगद के पेड़ उगे हुए हैं,अधिकतर शौचालय में ताले लटकते रहते हैं।शौचालय का संचालन न होने से ग्रामीण खुले में शौच जाने को मजबूर हैं।
जिल के इटवा विकासखंड के ग्राम पंचायत त्रिलोकपुर में लाखों रुपए की लागत से बने सामुदायिक शौचालय की स्थिति बेहद ही खराब है। यहां शौचालय ग्रामीण के लिए महज शो पीस बनकर रह गया। देख- रेख के आभाव में यह खस्ताहाल हो रहा है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना कि सामुदायिक शौचालय के साफ -सफाई का कोई ध्यान नहीं दिया जाता।शौचालय बंद रहता है, शौचालय की स्थिति बेहद ही दयनीय है। खंडहर में तब्दील हो रहा है शौचालय में नल नहीं है , बिजली की व्यवस्था नहीं है,समरसेबल नहीं है। पानी की टंकी बर्षो पूर्व टूटकर नीचे पड़ा हुआ है ग्रामीण बताते हैं कि शौचालय पर लाखों रुपए खर्च होने के बावजूद ग्राम प्रधान, सचिव सहायक/खंड विकास अधिकारी के लापरवाही के कारण योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है ग्रामीणों ने बताया कि अधिकारियों से इसकी शिकायत कई बार की गई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। ग्रामीणों ने वरिष्ठ अधिकारियों से शौचालय को शीघ्र दुरुस्त कराने व दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग किया है।