
इटवा में जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारी के निर्देश पर शुक्रवार को निजी अस्पतालों, अल्ट्रासाउंड और पैथालॉजी सेंटरों की जांच की गई।
एसडीएम कुणाल के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम में पुलिस क्षेत्राधिकारी शुभेंदु सिंह और सीएचसी अधीक्षक डॉ. संदीप द्विवेदी शामिल थे। जांच अभियान सायं तक चला।
टीम ने सबसे पहले लखनऊ पाली क्लीनिक का निरीक्षण किया, जो बंद मिला। पब्लिक पैथालॉजी में न तो डॉक्टर मिले और न ही कोई टेक्नीशियन। केवल दो अप्रशिक्षित कर्मचारी मौजूद थे। मानक विहीन होने के कारण इस केंद्र को सील कर दिया गया।
बजरंग केंद्र का रजिस्ट्रेशन अप्रैल में समाप्त हो चुका था। संचालक ने ऑनलाइन आवेदन करने की बात कही। टीम ने
रजिस्ट्रेशन, डॉक्टर और लैब टेक्नीशियन की नियुक्ति तक केंद्र बंद रखने के निर्देश दिए।
राजधानी हॉस्पिटल में न तो रिकॉर्ड मिला और न ही पंजीकरण। संचालक ने अस्पताल बंद होने की जानकारी दी। टीम ने पंजीकरण और आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी होने तक अस्पताल न खोलने के निर्देश दिए। सीएचसी अधीक्षक के अनुसार, तीनों केंद्रों को नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर सीएमओ कार्यालय में स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। जांच का असर यह रहा कि क्षेत्र के अधिकांश अल्ट्रासाउंड, पैथालॉजी और निजी अस्पताल बंद मिले।