
आष्टा मंडी में अवैध बीज कारोबार चरम पर, जिम्मेदार मौन?
आष्टा (संदीप छाजेड़): आष्टा मंडी में इन दिनों अप्रमाणित बीजों का कारोबार जोरों पर है। स्थिति इतनी गंभीर है कि न तो देखने वाला कोई है, न ही बोलने वाला। ऐसा प्रतीत होता है मानो मंडी के जिम्मेदार अधिकारियों के मुंह चांदी के तार से सिल दिए गए हों।
मंडी परिसर के जावक नाके के पास कुछ व्यापारी बीज की 10 से 20 वैरायटी खुलेआम डिब्बी रखकर बेच रहे हैं, जैसे कि उन्हें सरकार से बीज बेचने का लाइसेंस प्राप्त हो। किसान, जो नई फसल की तैयारी में जुटे हैं, उनके साथ खुलेआम आर्थिक धोखा किया जा रहा है। प्रमाणित बीज के नाम पर 4500 रुपए की कीमत वाला सोयाबीन बीज 6500 रुपए तक बेचा जा रहा है।
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि इन बीजों की न तो कोई प्रमाणिकता है, न ही गुणवत्ता का भरोसा। पायल( मशीन )एक निजी स्तर पर बीज तैयार करने वाली व्यवस्था के तहत इन बीजों का उत्पादन कर अंधाधुंध मुनाफा कमाया जा रहा है।
सबसे हैरानी की बात यह है कि इस पूरे प्रकरण में मंडी सचिव, नाका प्रभारी और कृषि विभाग पूरी तरह मौन हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि इस अवैध धंधे की लक्ष्मी, जिम्मेदारों की जेब तक पहुंच चुकी है?
यदि कोई प्रमाण चाहिए, तो भीड़ से पूछ लीजिए कि आष्टा मंडी में सबसे ज्यादा बीज कौन बेच रहा है? जवाब अपने आप मिल जाएगा।
किसानों की मेहनत और भरोसे से खिलवाड़ कर रही इस व्यवस्था पर कब कार्रवाई होगी, यह बड़ा सवाल बन गया है।