
‘अकोला के पालकमंत्री तथा कामगार मंत्री द्वारा उद्यम अंतर्गत शिवीर हो,सुशिक्षित बेकारोंको लोन के साथ उद्योग संमधित मालुमात,तंत्र अवगत कराया जाये.’। अपने देश मे एम.एस.एम.ई.( सूक्ष्म,लघु,एवम मध्यम उद्यम) के लीये एम.एस.एम.ई.(स्थापना 9जुलै 2007 मे स्थापना हुवी,पर क्या आजकल सरकार द्वारा जाहीरात के अलावा कुछ होता दिखाई नही पडता! हमारे जिल्हे के औद्योगिक क्षेत्र मे बहोतसी मीले है। पर आधीसे जास्त बंद पडी है। ऐसे मे सुशिक्षित बेरोजगार तथा जीन्हे उद्योग मे ऋची है,उनके लीये सरकार द्वारा अलग,अलग उद्योग की मालुमात,तथा शिक्षा शिवीर आयोजित किया जाये,!जीसमे उद्योग प्रती मालुमात,तंत्र,ऋण,ईत्यादी सहीत तथा बँक मॅनेजर की जीसमे सहभाग हो,ताकी ऋण लेनेमे जो कागजाद मे जो,दिक्कते आती है,उसे उमेदवार समझे! तथा उमेदवार को बेंक द्वारा जो प्रताडीत कीया जाता है वे प्रमाण ना के बराबर हो। यह शिवीर,मा.पालकमंत्री, मा.जिल्हाधिकारी,एल.डी.एम, तथा उद्योग केंद्र,के निगरानी मेही हो!यह स्थानिक सुशिक्षित बेरोजगार द्वारा मांग की जारही है, जो सरकार, पालकमंत्री द्वारा आनन फानन मे पुरी हो!ताकी हकीकंत मे उद्योगी तयार हो ना की बोगस उद्योगी,(कुछ पूंजीवादी अपने रसुक का,या पैसा देकर लोन लेते है,और औद्योगिक महामंडलसे सबसिडी मे जमिन लेकर दुसरे उद्योगोको गोदाम,बंगले,घर बनाकर भाडेसे लेकर खुब खुद का फायदा कर रहे है )ईसी कारण औद्योगिक क्षेत्र आधेसे जादा उद्योग बंद दिखते है.