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*कौशांबी का बड़ा भ्रष्टाचार: सरकारी भूमि पर अवैध विद्यालय का निर्माण, प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल*

*📍 कौशांबी, तहसील सिराथू:*

कौशांबी जिले में सरकारी और बंजर भूमि पर बने एक विद्यालय के मामले ने प्रशासनिक लापरवाही और भू-माफियागीरी के गंभीर आरोपों को जन्म दिया है। ग्राम बारा तफारीक में बाबू लाल इंटर कॉलेज द्वारा राजकीय प्राथमिक विद्यालय की भूमि पर पिछले कई वर्षों से अवैध निर्माण किया गया है। जबकि तहसीलदार सिराथू ने 16 अक्टूबर 2023 को गाटा संख्या 643 पर बेदखली का आदेश पारित किया था,  यह आदेश आज तक लागू नहीं हुआ है।

प्रशासन का मौन: 24 महीने बीत चुके

राजस्व विभाग और तहसील प्रशासन की ओर से इस आदेश की कोई भी कार्रवाई न होने से स्थानीय लोगों में आक्रोश है। *24 महीने बीत जाने के बाद भी न तो किसी प्रकार की बेदखली की कार्यवाही हुई है, *

अदालत का आदेश और प्रशासनिक लापरवाही

तहसील स्तरीय न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि यह भूमि प्राथमिक विद्यालय के लिए सुरक्षित है। बावजूद इसके, बाबू लाल इंटर कॉलेज का अवैध कब्जा नहीं हटाया गया। सूत्रों के अनुसार, जब भी जांच अधिकारी घटनास्थल पर पहुँचे, वे गलत रिपोर्ट लगाकर कार्रवाई को दबा देते थे। *, “क्या यह एक साज़िश है सरकारी ज़मीन कब्जाने की? DM और SDM कार्यालयों को इस मामले में सक्रियता दिखानी चाहिए।”*

मिलीभगत के आरोप

प्रशासनिक अधिकारियों पर आरोप लग रहे हैं कि वे भू-माफियाओं के साथ सांठगांठ में लिप्त हैं। क्या DM और SDM खुद इन माफियाओं के साथ मिलकर स्कूल की ज़मीन कब्जा करवाते हैं? यह सवाल क्षेत्र के लोगों में चिंता पैदा कर रहा है।,* “यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए, तो कई अधिकारी जेल की सलाखों के पीछे होंगे।”*

फर्जी मान्यता का मामला

इसके अलावा, जिस भूमि पर विद्यालय की मान्यता दी गई थी, वहाँ अब तक विद्यालय का निर्माण नहीं हुआ है। जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) को यह जानकारी होने के बाद भी विद्यालय की मान्यता समाप्त नहीं की गई है। यह एक बड़ी शिक्षा व्यवस्था की विफलता का संकेत है। विद्यालय के प्रबंधक के बारे में भी चर्चा है कि वह फर्जी तरीके से सरकारी नौकरी कर रहा है।

निष्कर्ष

कौशांबी में यह पूरा मामला न केवल एक भू-माफिया स्कैंडल है, बल्कि यह शिक्षा व्यवस्था और सरकारी नौकरी में भी गहरी सेंधमारी का प्रतीक है। प्रशासन की चुप्पी और लापरवाही ने सवाल उठाए हैं कि क्या वे भू-माफियाओं से मिलीभगत कर रहे हैं। यह एक गंभीर मामला है, जिसके प्रति उचित कार्रवाई आवश्यक है, ताकि सरकारी जमीनों और शिक्षा व्यवस्था की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। स्थानीय लोगों की नज़रें अब प्रशासनिक कार्रवाई पर टिकी हैं, क्योंकि वे न्याय की आकांक्षा रखते हैं।

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