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मंडला MP हेमंत नायक
ब्रेकिंग न्यूज़:MP–मंडला के बजरंग चौराहा महाराजपुर में पिछले कई वर्षों से चल रही एक क्लीनिक पर हाल ही में स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त छापेमारी की। इस छापेमारी के दौरान, क्लीनिक में भारी मात्रा में दवाइयों का जखीरा बरामद हुआ, जिसे बिना किसी चिकित्सा योग्यता के झोलाछाप महिला डॉक्टर द्वारा संचालित किया जा रहा था। इसके चलते क्लीनिक को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया है, और संबंधित अधिकारियों ने कार्रवाई को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है।
- मामला क्या है?
बताया जा रहा है कि महाराजपुर स्थित इस क्लीनिक का संचालन पहले डॉ. विशेन द्वारा किया जा रहा था। उनकी मृत्यु के बाद, उनकी पत्नी स्वाति विशेन ने बिना किसी चिकित्सा डिग्री या लाइसेंस के मरीजों का इलाज करना शुरू कर दिया था। इसके साथ ही उन्होंने बड़ी मात्रा में दवाइयों का भी संग्रह कर रखा था, जो नियमों का उल्लंघन था। उनके पास किसी भी प्रकार की चिकित्सा शिक्षा का प्रमाण नहीं था, फिर भी वे खुद को डॉक्टर बताकर मरीजों का इलाज कर रही थीं।
- शिकायत और छापेमारी की कार्रवाई
स्वाति विशेन की इस अवैध गतिविधि की शिकायत जिले के केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष द्वारा की गई। उनकी शिकायत के अनुसार, स्वाति विशेन न केवल झोलाछाप डॉक्टर के रूप में काम कर रही थीं, बल्कि बड़ी मात्रा में दवाइयों का स्टॉक भी कर रही थीं, जो कानूनन अपराध है। इसके बाद, जिला स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग और महाराजपुर पुलिस थाने की एक संयुक्त टीम ने छापेमारी का निर्णय लिया और क्लीनिक पर अचानक छापा मारा। इस दौरान स्वाति विशेन को रंगे हाथों पकड़ा गया।
- भारी मात्रा में दवाइयों का जखीरा बरामद
छापेमारी के दौरान, टीम को बड़ी मात्रा में विभिन्न प्रकार की दवाइयाँ और उपकरण मिले, जो बिना किसी उचित लाइसेंस और पंजीकरण के क्लीनिक में रखे गए थे। इस बात से यह स्पष्ट हो गया कि स्वाति विशेन न केवल अवैध रूप से इलाज कर रही थीं, बल्कि उन्होंने दवाइयों का भी बड़े पैमाने पर भंडारण कर रखा था। ऐसे मामलों में लाइसेंस और पंजीकरण अनिवार्य होते हैं, लेकिन बिना किसी प्रमाण के यह क्लीनिक पिछले कई वर्षों से संचालन में थी।
- सील किया गया क्लीनिक और आगे की कार्रवाई
मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा क्लीनिक को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया है। इसके साथ ही, स्वाति विशेन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। अधिकारियों के अनुसार, ऐसे मामलों में सख्त से सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता होती है, ताकि भविष्य में ऐसे झोलाछाप डॉक्टर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ न कर सकें।
- झोलाछाप डॉक्टरों पर नियंत्रण की आवश्यकता
यह घटना झोलाछाप डॉक्टरों के बढ़ते प्रभाव और उनकी अनधिकृत चिकित्सा सेवाओं पर नियंत्रण की आवश्यकता को स्पष्ट रूप से दर्शाती है। बिना उचित शिक्षा और लाइसेंस के इलाज करना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि यह मरीजों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरा है। इस तरह की घटनाएँ प्रशासन को यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि कैसे ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों पर नियंत्रण स्थापित किया जाए, ताकि जनता की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
इस घटना ने मंडला जिले के स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों को एक कड़ा संदेश दिया है कि झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ और भी सख्त कदम उठाने होंगे, ताकि भविष्य में ऐसे मामले दोबारा न हों।