भारतीय शेयर बाजारों में आज सोमवार 3 फरवरी को तगड़ी गिरावट आई। बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 731 अंक टूटकर 76,774.05 पर पहुंच गया। वहीं निफ्टी 243 अंक या 1.03 फीसदी का गोता लगाकर 23,239.15 के स्तर पर आ गया। सबसे अधिक गिरावट कैपिटल गुड्स, पावर, यूटिलिटी और इंडस्ट्रियल्स शेयरों में देखने को मिली। यहां तक कि कंज्यूमर ड्यूरेबल्स को छोड़कर बाकी सभी सेक्टोरल इंडेक्स भी लाल निशान में थे। छोटे और मझोले शेयरों में भी निवेशकों को खूब नुकसान हुआ। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 0.7 फीसदी, वहीं स्मॉलकैप इंडेक्स 1.6 फीसदी तक लुढ़क गया|
देश का आम बजट 2025 पेश होने के बाद उम्मीद थी कि शेयर बाजार में तेजी देखने को मिलेगी, लेकिन सोमवार को बाजार भारी गिरावट के साथ खुला। BSE सेंसेक्स 700 अंक तक लुढ़क गया, जबकि NSE निफ्टी में भी 200 अंकों से ज्यादा की गिरावट आई। निवेशकों के लिए यह बड़ा झटका रहा। बजट में किए गए ऐलानों के बावजूद बाजार में सुस्ती दिखी। वहीं, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर का असर भी भारतीय बाजार पर पड़ा।
सेंसेक्स-निफ्टी में तेज गिरावट
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 77,505 के पिछले स्तर से गिरकर 77,063 पर खुला और कुछ ही मिनटों में 700 अंक गिरकर 76,774 पर पहुंच गया। इसी तरह, निफ्टी भी 23,482 से गिरकर 23,319 पर खुला और 220 अंकों की गिरावट के साथ 23,239 पर पहुंच गया। निवेशकों में घबराहट दिखी, क्योंकि बाजार लगातार कमजोर नजर आ रहा था।
बजट के बाद बाजार का रिस्पॉन्स
शनिवार को बजट पेश होने के दौरान बाजार फ्लैट रहा था। सेंसेक्स मामूली 5 अंकों की बढ़त के साथ बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 26 अंकों की गिरावट लेकर बंद हुआ था। एक्सपर्ट्स का मानना था कि बजट में इनकम टैक्स छूट और अन्य बड़े ऐलानों से बाजार को सकारात्मक रुख मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे निवेशकों में निराशा बढ़ गई।
ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी का असर
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा, मैक्सिको और चीन पर नए टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इसके चलते अमेरिकी बाजार में भारी गिरावट आई, जिसका असर भारतीय बाजार पर भी देखने को मिला। डाओ फ्यूचर्स 550 अंक गिरकर बंद हुआ, जबकि S&P 500 और नैस्डैक में भी गिरावट रही। इसी कारण भारतीय बाजार भी कमजोर नजर आया।
सबसे ज्यादा गिरने वाले शेयर
लार्जकैप शेयरों में L&T, NTPC, पावरग्रिड, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स और रिलायंस सबसे ज्यादा गिरे। मिडकैप शेयरों में हिंदुस्तान पेट्रोलियम, SAIL और BHEL में भारी गिरावट देखी गई। स्मॉलकैप शेयरों में BDL और JWL में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। कुल मिलाकर, बाजार में निवेशकों को भारी नुकसान झेलना पड़ा।
शेयर बाजार में क्या करें निवेशक?
शेयर बाजार के जानकारों का कहना है कि ग्लोबल मार्केट का असर फिलहाल जारी रह सकता है। निवेशकों को जल्दबाजी में बिकवाली नहीं करनी चाहिए। बाजार में अस्थिरता बनी रहेगी, लेकिन लॉन्ग टर्म में सुधार की संभावना है। निवेशकों को बाजार की चाल पर नजर रखनी चाहिए और मजबूत फंडामेंटल वाले शेयरों में निवेश करना चाहिए।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कुछ व्यापारिक साझेदारों पर टैरिफ लगाए जाने की चिंताओं के बीच कमजोर वैश्विक बाजारों के चलते बेंचमार्क शेयर सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी सोमवार को गिरावट के साथ बंद हुए। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 319.22 अंक या 0.41 प्रतिशत की गिरावट के साथ 77,186.74 पर बंद हुआ, जिससे इसकी पांच दिन की तेजी थम गई। इंट्रा-डे में यह 749.87 अंक या 0.96 प्रतिशत गिरकर 76,756.09 पर आ गया। एनएसई निफ्टी 121.10 अंक या 0.52 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,361.05 पर आ गया।
सेंसेक्स शेयरों में लार्सन एंड टुब्रो, टाटा मोटर्स, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एशियन पेंट्स, आईटीसी, पावर ग्रिड, एनटीपीसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज सबसे ज्यादा गिरावट में रहे। लाभ कमाने वालों में बजाज फाइनेंस 5 प्रतिशत से अधिक उछला। महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फिनसर्व, भारती एयरटेल और मारुति भी बढ़त के साथ बंद हुए।
एशियाई बाजारों में सियोल, टोक्यो और हांगकांग में भारी गिरावट दर्ज की गई। यूरोप के बाजारों में भारी गिरावट के साथ कारोबार हो रहा था। शुक्रवार को अमेरिकी बाजार गिरावट के साथ बंद हुए।
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, “ट्रंप द्वारा चीन, मैक्सिको और कनाडा पर टैरिफ की घोषणा के बाद वैश्विक इक्विटी बाजारों में गिरावट ने भारतीय बेंचमार्क पर नकारात्मक प्रभाव डाला। इसके अलावा, रुपये में तेज गिरावट ने चिंता बढ़ा दी है कि विदेशी निवेशक बिकवाली को जारी रखेंगे।” कनाडा और मैक्सिको से अधिकांश आयातों पर 25 प्रतिशत टैरिफ और चीन से आने वाले सामानों पर 10 प्रतिशत टैरिफ मंगलवार से प्रभावी होगा।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “व्यापार युद्ध की शुरुआत के बीच वैश्विक बाजार में अस्थिरता आई है, क्योंकि अमेरिका और अन्य देशों के बीच टैरिफ संघर्ष से कोई आर्थिक लाभ मिलने की संभावना नहीं है। इसके बजाय, यह वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए चुनौतियां पैदा कर सकता है, जिससे वैश्विक वित्तीय जोखिम बढ़ सकता है।”
वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 1.15 प्रतिशत बढ़कर 76.50 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। भारी उतार-चढ़ाव वाले दिन के बाजार में, 30 शेयरों वाला बीएसई बेंचमार्क शनिवार को 5.39 अंक या 0.01 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 77,505.96 पर बंद हुआ था। निफ्टी 26.25 अंक या 0.11 प्रतिशत गिरकर 23,482.15 पर बंद हुआ था। केंद्रीय बजट पेश होने के कारण शनिवार को घरेलू इक्विटी बाजार खुले थे। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शनिवार को 1,327.09 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
रुपये का क्या हाल रहा
ट्रंप प्रशासन द्वारा कनाडा, मैक्सिको और चीन पर टैरिफ लगाए जाने के बाद वैश्विक बाजार की धारणा प्रभावित होने से सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 55 पैसे टूटकर 87.17 (अनंतिम) के सर्वकालिक निम्न स्तर पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि कनाडा, मैक्सिको और चीन पर ट्रम्प टैरिफ के बाद व्यापक व्यापार युद्ध की आशंकाओं के बाद अमेरिकी डॉलर सूचकांक में उछाल और कमजोर वैश्विक बाजारों के कारण भारतीय रुपया अपने सर्वकालिक निचले स्तर को छू गया। डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा और मैक्सिको पर 25 प्रतिशत और चीन पर 10 प्रतिशत शुल्क लगाया।
शेयर बाजार में गिरावट की वजह?
बजट 2025 के बाद उम्मीद थी कि शेयर बाजार में जोश देखने को मिलेगा, लेकिन हकीकत कुछ और ही निकली. मोदी सरकार ने 12 लाख रुपये तक की इनकम को टैक्स फ्री करने जैसे बड़े ऐलान किए, लेकिन इसका बाजार पर कोई खास असर नहीं दिखा. निवेशकों को बजट से राहत की उम्मीद थी. बजट के बाद पहले ही कारोबारी दिन शेयर बाजार बड़ी गिरावट के साथ खुला, जिससे निवेशकों को बड़ा झटका लगा.
सिर्फ बजट ही नहीं,अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ‘टैरिफ वॉर’ का असर भी बाजार पर साफ दिखा. ग्लोबल मार्केट में बढ़ती अनिश्चितता ने भारतीय बाजार को भी तगड़ा झटका दिया. ट्रंप के ऐलान के बाद दुनियाभर के बाजारों में गिरावट आई, और इसका सीधा असर भारत पर भी पड़ा.
ट्रंप के टैरिफ वॉर से निवेशकों में घबराहट
डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर के संकेतों ने वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता बढ़ा दी है. अगर अमेरिका अपने आयात शुल्क में बड़ा बदलाव करता है, तो इसका असर भारतीय कंपनियों और निर्यातकों पर भी पड़ सकता है. इसी आशंका के चलते विदेशी निवेशकों ने बिकवाली तेज कर दी, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ा. इस खबर के बाद निवेशकों में घबराहट देखी जा रही है.
डोनाल्ड ट्रंप के फैसले से दुनियाभर के बाजारों में हड़कंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन, कनाडा और मैक्सिको से आने वाले सामानों पर टैक्स बढ़ाने का ऐलान कर दिया है, जिससे दुनियाभर के बाजारों में हड़कंप मच गया है. ट्रंप सरकार ने कनाडा और मैक्सिको से आने वाले उत्पादों पर 25% और चीन के सामानों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने का फैसला किया है, जो मंगलवार से लागू होगा. इस फैसले के बाद इन देशों ने भी जवाबी टैरिफ लगाने की तैयारी शुरू कर दी है, जिससे व्यापार तनाव और बढ़ गया है.
कच्चे तेल की कीमतों में उछाल
इस बीच, कच्चे तेल की कीमतों में उछाल देखा जा रहा है. डब्ल्यूटीआई क्रूड 1.75 फीसदी बढ़कर 73.80 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है, जबकि ब्रेंट क्रूड 0.86 फीसदी की बढ़त के साथ 76.32 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा है.
आगे बाजार की चाल कैसी रहेगी?
एशियाई बाजारों की बात करें तो ज्यादातर इंडेक्स गिरावट में हैं. टोक्यो, हांगकांग, बैंकॉक, सियोल और जकार्ता के बाजार लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं. इससे पहले अमेरिकी शेयर बाजार भी शुक्रवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे.
एशियाई बाजारों में भारी गिरावट आई, जिसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी दिखा. बाजार खुलते ही सेंसेक्स और निफ्टी में तेज गिरावट दर्ज की गई. एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर यह ट्रेड वॉर और बढ़ता है, तो ग्लोबल इकॉनमी पर भी इसका असर पड़ सकता है. वहीं, एक्सपर्ट के अनुसार, अमेरिका की ट्रेड पॉलिसी पर आने वाले अपडेट्स और ग्लोबल मार्केट्स की चाल से बाजार में और उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है.