
मुक्त कराये गये सभी बालिकाओं को कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में नामांकन कराने एवं परिवार को सरकार के कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने का दिया निर्देश – उपायुक्त
उपायुक्त दुमका अभिजीत सिन्हा के निदेशानुसार बाल तस्करी की शिकार बालिकाओं को एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र झारखंड भवन (सीआरसी) नई दिल्ली की सहायता से मुक्त कराये गये विभिन्न बाल गृहों से प्राप्त कर सीडब्ल्यूसी दुमका के समक्ष प्रस्तुत किया गया। विदित हो कि स्वयं सेवी संस्थान जन साहस दुमका के द्वारा जिला बाल संरक्षण इकाई को सूचित किया गया था कि जिले के मानव तस्कर द्वारा बालिका का बाल तस्करी कर दिल्ली के प्लेसमेंट एजेंसी में बेच दिया गया है और बालिकाओं के साथ मारपीट व प्रताड़ित किया जा रहा है। जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी द्वारा उक्त मामले की सूचना उपायुक्त को दी गयी। उपायुक्त ने मामले को त्वरित संज्ञान में लेते हुए बाल तस्करी की शिकार बालिकाओं को सीआरसी नई दिल्ली की सहायता से मुक्त कराने का एडीएसएस एवं डीसीपीओ को निर्देश दिया। सहायक निदेशक, जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग सुचिता किरण भगत द्वारा अविलंब जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम गठित कर बाल तस्करी की शिकार बालिकाओं को एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र झारखंड भवन (सीआरसी) नई दिल्ली से प्राप्त कर बालिकाओं को सीडब्ल्यूसी में उपस्थापित करने का निदेश दिया था। जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चन्द्र ने कहा कि गठित टीम द्वारा सीआरसी नई दिल्ली की सहायता से दिल्ली के विभिन्न बाल गृहों से मुक्त कराये गये कुल पांच बच्चे को यथा दो दुमका, दो साहेबगंज एवं एक पाकुड़ जिला के बच्चे को प्राप्त कर सीडब्ल्यूसी दुमका में उपस्थापन करा दिया गया है। बाल कल्याण समिति ने प्रस्तुत सभी बालिकाओं को बाल तस्करी में सीएनसीपी घोषित करते हुए आवश्यक कार्रवाई कर अगले आदेश तक के लिए बाल गृह में आवासित कर दिया है। डीसीपीओ ने बताया कि बाल तस्करी करने वाले मानव तस्कर के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी है तथा एक मानव तस्कर को पुलिस द्वारा जेल भेज दिया गया है। गठित टीम में जिला बाल संरक्षण इकाई के श्रीमति दीपा साहू, प्रमिला टुडू, नैय्यर सुल्तान एवं जन साहस से रविन्द्र यादव व प्रेम मोहली ने अहम भूमिका निभाई।