
दिल्ली में विपक्ष का शक्ति प्रदर्शन — संसद से चुनाव आयोग तक मार्च, SIR और वोट चोरी के मुद्दे पर अखिलेश यादव सड़क पर उतरे, धरना जारी
नई दिल्ली —
राजधानी दिल्ली आज राजनीतिक संघर्ष का अखाड़ा बन गई, जब विपक्षी दलों ने संसद से लेकर चुनाव आयोग कार्यालय तक जोरदार मार्च निकाला। यह विरोध प्रदर्शन कथित SIR (सिस्टमेटिक इलेक्शन रिगिंग) और वोट चोरी के आरोपों को लेकर किया गया। इस मार्च में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, RJD और वाम दल समेत कई विपक्षी दल एकजुट नज़र आए।
सबसे बड़ी तस्वीर तब सामने आई जब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव खुद सड़क पर बैठ गए। संसद मार्ग पर ही उन्होंने अपने सांसदों और कार्यकर्ताओं के साथ जमीन पर बैठकर धरना शुरू किया। उनके हाथों में “वोट चोरी बंद करो” और “लोकतंत्र बचाओ” जैसे नारे लिखी तख्तियां थीं।
राजधानी में सुरक्षा अलर्ट
मार्च को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने संसद भवन से लेकर चुनाव आयोग कार्यालय तक कई इलाकों में धारा 144 लागू कर दी। चुनाव आयोग भवन के पास बैरिकेडिंग कर भारी पुलिस बल और RAF तैनात की गई। ट्रैफिक पुलिस ने मुख्य मार्गों का रूट डायवर्ट कर दिया, जिससे कई इलाकों में जाम की स्थिति बनी रही।
विपक्ष का आरोप और मांगें
विपक्षी दलों का आरोप है कि हाल के चुनावों में बड़े पैमाने पर मतदाता सूची में छेड़छाड़, बूथ कैप्चरिंग और ईवीएम में हेरफेर हुई है। उनका कहना है कि SIR एक संगठित चुनावी धांधली का तरीका बन चुका है, जिसे रोकना जरूरी है। उन्होंने चुनाव आयोग से तुरंत इस पर निष्पक्ष जांच और जवाबदेही तय करने की मांग की है।
अखिलेश यादव का बयान
धरने के दौरान अखिलेश यादव ने कहा, “यह सिर्फ वोट चोरी का मुद्दा नहीं, यह देश के लोकतंत्र और संविधान की रक्षा का सवाल है। अगर चुनाव पारदर्शी नहीं होंगे, तो जनता का भरोसा टूट जाएगा।” उन्होंने चेतावनी दी कि अगर चुनाव आयोग ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो देशभर में बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा।
राजनीतिक संदेश
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मार्च विपक्ष के लिए एकजुटता दिखाने का मौका था। लोकसभा और राज्य चुनावों के बीच, इस तरह का प्रदर्शन सत्ता पक्ष पर दबाव बनाने और जनता में संदेश देने की रणनीति हो सकता है।
वर्तमान में चुनाव आयोग के बाहर माहौल तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रित है। पुलिस निगरानी बढ़ा दी गई है और विपक्षी नेता धरना स्थल से हटने को तैयार नहीं हैं। यह प्रदर्शन आने वाले दिनों में राष्ट्रीय राजनीति का बड़ा मुद्दा बन सकता है।
विशेष रिपोर्ट: एलिक सिंह
🖋 संपादक – समृद्ध भारत समाचार / वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
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