*रेलवे लाइन और विश्वविद्यालय बनवाने का वादा अधूरा*
17 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झूठी वादे कर मांगेगे वोट, क्षेत्रीय मतदाता
हमीरपुर। राठ क्षेत्र में पांच दशक से रेलवे लाइन की मांग की जा रही है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में केंद्रीय गृहमंत्री व तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने प्रत्याशी मनीषा अनुरागी के पक्ष में जनसभा के दौरान भाजपा सरकार बनने पर एक माह में काम शुरू कराने का वादा किया था जो आज भी अधूरा है। वही अनेक बार रेलवे लाइन के सर्वे के नाम पर सिर्फ जुमले बाजी की जाती रही है लेकिन अभी तक कार्य की कोई शुरुआत नही हो सकी। वही वादा करने के बाद से तत्कालीन ग्रह मंत्री अमित शाह ने राठ विधान सभा की चर्चा तक अपने मुख से नही की। 10 साल भाजपा सरकार रहने के बावजूद वादा पूरा नहीं हुआ। जानकारी के अनुसार महोबा से चरखारी, वाया राठ होते हुए उरई से भिंड 217 किलोमीटर रेल लाइन का सर्वे वर्ष 2012 में हुआ था। सर्वे में रेल लाइन की लागत व इससे होने वाली आमदनी का आकलन कर मंत्रालय को भेज दिया था। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के पास की जमीन पर संभावनाओं का सर्वे किया गया लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नही हुई। विधायक मनीषा अनुरागी की पहल पर रेलवे के झांसी मंडल रेल प्रबंधक आशुतोष व उनकी टीम ने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के आसपास जमीन का सर्वे किया था। वही लोकसभा चुनाव को देखते हुए आगामी 17 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राठ नगर के स्वामी ब्रह्मानंद इंटर कॉलेज में भाजपा प्रत्याशी कुँवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल के पक्ष में मतदान करने के लिए रैली आयोजित होनी लगभग तय हो गई है। जिसमे क्षेत्रीय मतदाताओ को रिझाने के लिए क्या नए वादो की बौछार होगी जो 17 मई को देखने और सुनने को मिलेगी। वही पिछले विधानसभा चुनाव में तत्कालीन प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने स्वामी जी की स्थली से जनसभा को सम्बोधित करते हुए डिग्री कॉलेज को विश्वविद्यालय बनवाने का वादा किया था जो आज भी अधूरा है। जिसके लिए स्वामी जी की प्रपौत्री चन्द्रकान्ता ने सेकड़ो दिन तक अनिश्चितत कालीन धरना दिया लेकिन सरकार ने कानो में जु तक नही रेंगी। जिसके कारण विधानसभा मतदाताओं में पार्टी के प्रति रोष व्याप्त है । जानकारी के तहत कई बार क्षेत्र के समाजसेवियों ने विश्विद्यालय बनवाने के लिए मुख्यमंत्री को खून से खत लिखा लेकिन उसकी कोई सुनवाई नही हुई। अब देखना यह होगा कि आखिर कब तक रेलवे लाइन और विश्वविद्यालय बनने का वादा पूरा होता है या प्रधानमंत्री जी आगामी जनसभा में इसका जिक्र करते है या यूं ही क्षेत्रवासियों को झूठा वादा कर सरकार बनाने में कामयाब होते है। वही जातिगत आंकड़े देखे जाए तो समाजवादी प्रत्याशी अजेंद्र सिंह लोधी के पक्ष में जाते दिख रहे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आखिर किन वदो को लेकर वर्तमान सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल के पाले में मत हाशिल करने में कामयाब होते है। वही दो बार के सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल के विजय रथ रोकने में इण्डिया गठबंदन कितना कारगर साबित होती है यह देखने वाली बात है। बात करे अगर भाजपा पार्टी के किये वदो की तो फिलहाल अभी हवा हवाई साबित हुये है।