रिपोर्ट _ सचिन एलिंज
मुंबई-नासिक राजमार्ग को जोड़ने वाला कसारा घाट इस समय मौत का जाल कहा जाता है। क्योंकि मुंबई-नासिक हाईवे को जोड़ने वाले कसारा घाट में देखा जा रहा है कि सड़कें जगह-जगह जाम हो गई हैं. इससे वाहन चालकों को वाहन चलाते समय काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। साथ ही, दुर्घटनाओं की संख्या इस वजह से भी बढ़ रही है कि सड़कों पर गड्डे होने पर वाहन चलाते समय चालक को अपने वाहन का पूर्वानुमान या नियंत्रण नहीं रहता है। कसारा घाट इलाके में सुरक्षात्मक दीवारें भी टूटी हुई नजर आ रही हैं, जबकि गड्ढों को भरने के लिए पेवर ब्लॉक का इस्तेमाल किया गया है, कसारा घाट में दुर्घटनाएं अब एक नियमित घटना बन गई हैं। नासिक-मुंबई हाईवे पर गड्ढों के कारण यात्रा में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गड्डे और टूटे-फूटे हाईवे के चलते यात्रियों की यात्रा अब मंगलमय नहीं हो पा रहा है। लगातार यात्रा का समय बढ़ ही रहा है। इस हाईवे ने 4 घंटे के सफर को 9 घंटे का बना दिया.इस हाईवे की रफ्तार कम होने के चलते यात्रियों लंबे समय तक यात्रा करना पड़ता है। जिसके कारण वो अपने जरूरी कार्यों को समय पर पूरा कर पाने से चूक जाते हैं। रायगढ़नगर, पिंपरी फाटा और सिन्नर फाटा जंक्शनों पर, वाडीवरहे और इगतपुरी के बीच गड्ढे बन गए हैं। यात्रियों ने हाईवे की खराब स्थिति पर अपना गुस्सा जाहिर किया है, क्योंकि हर साल मानसून खत्म होने के बाद अधिकारियों ने इस हाईवे को फिर से बनाने के अलावा कुछ नहीं किया है।