गांव में लगा गंदगी का अंबार, गलियों में बह रहा नालियों का गंदा पानी
चन्दौली जिला के शहाबगंज विकासखंड में प्रशासन के लाख प्रयास के बाद भी गांवों की तस्वीर बदलने का नाम नहीं ले रही है। स्वच्छता अभियान में लाखों रुपये खर्च किए गए। बावजूद इसके अभी भी ब्लाक क्षेत्र के अधिकांश गांव गंदगी की चपेट में हैं। गांवों की सफाई व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए प्रशासन ने सफाईकर्मियों को लगा रखा है लेकिन ये अपने कार्यो व कर्तव्यों को भूल गए हैं। इनकी लापरवाही का खामियाजा गांवों में रहने वाली जनता भुगत रही है।गांवों की सफाई व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए प्रशासन ने सफाईकर्मियों को लगा रखा है लेकिन ये अपने कार्यो व कर्तव्यों को भूल गए हैं। इनकी लापरवाही का खामियाजा गांवों में रहने वाली जनता भुगत रही है। सफाई नहीं होने से ग्रामीण नारकीय परिवेश में रहने को विवश हैं। अधिकारियों व ग्राम प्रधान के यहां ग्रामीणों ने कई बार गणेश परिक्रमा की लेकिन सुनवाई नहीं हुई।शहाबगंज विकासखंड क्षेत्र के पालपुर ग्राम पंचायत के गयापुर गांव तहसील मुख्यालय से 7 किमी की दूरी पर स्थित है। उक्त गांव की गलियों में जाते ही सफाई व्यवस्था की वास्तविक स्थिति का पता चल जाता हैगांव में हफ्तों नहीं महीनों नहीं बल्कि 1 साल से अधिक समय से सफाई नहीं हुई है।इसी का परिणाम है कि जगह-जगह कूड़े का अंबार लग चुका है। गांव के बुल्लू कुमार, मुन्नू लाल, लालमन, संजय कुमार, तेजू राम, रामजन्म, कांता, मुन्नीलाल, बल्लू प्रसाद दिनकर, लालू प्रसाद का कहना है कि नालियां सफाई नहीं होने से बजबजा रही हैं। गंदे पानी से उठने वाली दुर्गध ग्रामीणों को सबसे अधिक परेशान कर रही है। गलियों में कमर की ऊंचाई तक घास उग आई है।धीरज, प्रशांत, दिनेश कुमार का कहना है कि गांव में नियुक्त सफाईकर्मी आता तो जरूर है, लेकिन प्रधान के यहां हाजिरी लगाने के बाद चला जाता है। पिछले दिनों दर्जन भर की संख्या में सफाईकर्मी गांव में आए थे। इन्हें देख ऐसा लगा कि गांव की सफाई बेहतर ढंग से होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सफाई कर्मियों का समूह गांव की गलियों की तफरी करने के बाद लौट गया।ग्रामीणों का आरोप है कि गांव की सफाई व्यवस्था की ओर जिम्मेदार लोग ध्यान नहीं दे रहे हैं।
इस संबंध में खंड विकास अधिकारी दिनेश सिंह ने कहा इसकी जांच कराकर शीघ्र ही सफाई कराई जाएगी। साथ ही दोषी सफाईकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई भी होगी।