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77 दिनों में न्याय: नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास एवं अर्थदंड….

जुन्नारदेव – थाना नवेगांव के विशेष प्रकरण क्रमांक 27/2024 एवं अपराध क्रमांक 124/2024 में माननीय अपर सत्र न्यायालय, जुन्नारदेव ने आरोपी राजेंद्र पिता सुखराम भारती (उम्र 20 वर्ष) को पॉक्सो एक्ट की धारा 5(L)/6 के तहत आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवनकाल तक) एवं ₹5000 के अर्थदंड से दंडित किया है। इसके अलावा, भारतीय दंड संहिता की धारा 137(2) एवं 96 के तहत उसे 5-5 वर्ष का सश्रम कारावास और ₹5000-₹5000 के अर्थदंड की सजा सुनाई गई। साथ ही, पीड़िता को ₹2 लाख का प्रतिकर प्रदान करने का आदेश दिया गया है।

### **घटना का संक्षिप्त विवरण:** यह मामला 14 जुलाई 2024 को थाना तामिया, जिला छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश में दर्ज हुआ था। पीड़िता (जिसकी जन्मतिथि 31 जनवरी 2011 है) मात्र 13 वर्ष 5 माह की थी। 1 जुलाई 2024 को, जब उसका परिवार विवाह समारोह में गया हुआ था, वह लापता हो गई। परिजनों ने तलाश की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। इसके बाद, पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई। जांच के दौरान, 29 सितंबर 2024 को पीड़िता को दस्तयाब किया गया। उसने बताया कि आरोपी राजेंद्र भारती को वह पहले से जानती थी। घटना वाले दिन, विवाह समारोह से अकेले लौटते समय आरोपी मिला और उसे बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया। आरोपी ने उसे सीहोर ले जाकर दो महीने तक टीन के टपरे में रखा और बार-बार दुष्कर्म किया। आरोपी लगातार शादी का झांसा देता रहा। इसके बाद, वह उसे इछावर ले गया, जहां मंदिर और गार्डन निर्माण का कार्य चल रहा था। वहीं पीड़िता को पता चला कि उसके पिता ने थाना तामिया में शिकायत दर्ज करवाई है। बाद में, पुलिस ने उसे बरामद किया।

### **तेज सुनवाई और न्याय:** मामले की सुनवाई के दौरान, अभियोजन पक्ष ने ठोस साक्ष्य और तर्क प्रस्तुत किए। विशेष लोक अभियोजक एवं सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती गंगावती डहेरिया ने मामले में प्रभावी पैरवी की। न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों को स्वीकार करते हुए आरोपी को कड़ी सजा सुनाई और पीड़िता को ₹2 लाख मुआवजा देने के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण को आदेशित किया।

### **त्वरित न्याय की मिसाल:** सिर्फ 77 दिनों में मुकदमे का निपटारा कर अदालत ने पीड़िता को न्याय दिलाया, जो न्याय प्रणाली की प्रभावशीलता को दर्शाता है। इस फैसले से समाज में अपराधियों के लिए एक कड़ा संदेश गया है कि महिलाओं और नाबालिगों के खिलाफ अपराध करने वालों को कड़ी सजा भुगतनी पड़ेगी।

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