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एक लाख रुपए से पुरुस्कृत होगी सुपोषण पंचायत,39 ग्राम पंचायतों में से होगा चयन

सागर। वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज संवाददाता सुशील द्विवेदी।कलेक्टर संदीप जी. आर. के द्वारा जिले मे भारत सरकार के कुपोषण मुक्त भारत अभियान के तहत चिन्हित 39 ग्राम पंचायतों की 79 आंगनबाड़ी केन्द्रों को सुपोषण पंचायत के तहत पुरूस्कृत किये जाने के संबंध मे संबंधित बाल विकास परियोजना अधिकारियों पर्यवेक्षकों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता,सहायिकाओं के लिए मिशन मोड मे आवश्यक सुधार करने के लिए कार्य करने हेतु निर्देशित किया है ताकि तमिलनाडू की टीम के द्वारा किये जाने वाले परीक्षण मे इन केन्द्रों को उत्कृष्ट ग्रेड के साथ पुरूस्कार प्राप्त हो सके।जिला कार्यक्रम अधिकारी बृजेश कुमार त्रिपाठी द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार भारत सरकार, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कुपोषण मुक्त भारत को राष्ट्रीय आन्दोलन बनाने के लिए केंद्रित दृष्टिकोण के रूप मे मिशन पोषण 2.0 की शुरूआत की हैं यह भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य बच्चों, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान करने वाली माताओं और किशोरियों के पोषण स्तर मे सुधार करना है ।सुपोषित ग्राम पंचायत कार्यक्रम अंतर्गत सागर जिले की 39 ग्राम पंचायतों के 79 केंद्रों का चयन किया गया है। सभी मापदंडो के आधार पर चयनित सुपोषित ग्रामपंचायत को भारत सरकार द्वारा एक लाख रूपए से पुरस्कृत की जावेगा जिसमे प्रत्येक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को 5000 एवं साहयिका को 3000 रूपये नगद प्रोत्साहन प्रदान किया जारहा । जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा उक्त चयनित पंचायत के अंतर्गत आने वाले आंगनवाड़ी केंद्रों के समस्त मापदंडो की सतत मॉनिटरिंग एवं समीक्षा की जा रही है, “सागर जिले में विकासखंड बंडा की 03, बीना की 03, देवरी 03, जैसीनगर की 05 केसली की 03, खुरई की 07 मालथौन की 05 राहतगढ़ की 09 और रहली विकासखंड की 01 कुल 39 ग्राम पंचायतों का चयन भारत सरकार द्वारा सुपोषित पंचायत के रूप मे किया गया है।पोषण ट्रैकर डाटा (21 दिवस आंगनवाड़ी की उपस्थिति, वृद्धि निगरानी, गर्भवती/धात्री पंजीयन) पेयजल, शौचालय, विद्युत कनेक्शन के साथ केंद्र पर उपलब्ध मॉनिटरिंग उपकरण इन्फेएंटोमीटर, स्टेडिओमीटर, वेइंग मशीन की उपलब्धता के आधार पर अंको की गणना की जाएगी आंगनबाड़ी केन्द्रों मे दर्ज समस्त बच्चों के पोषण स्तर मे सुधार, गर्भवती महिलाओं के वजन मे वृद्धि गर्भवती महिलाओं व धात्री माताओं को नियमित पूरक पोषण आहार वितरण, 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों को नियमित पूरक पोषण आहार का वितरण, हितग्राहियों को नियमित वृद्धि निगरानी, आंगनबाड़ी केन्द्र मे पीने के पानी की व्यवस्था, उपयोग मे लाये जा रहे शौचालय व चालू बिजली की स्थिति, टेक होम राशन व गर्म पका हुआ भोजन मे विविधता (स्थानीय आहार, मोटे अनाज का उपयोग, स्वच्छता आदि ) आगामी 07 दिवस मे उपरोक्त संकेतकों के आधार नामांकित पंचायतों के समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों का परीक्षण करने एवं कमी होने पर तत्काल आवश्यक सुधार किये जाने के निर्देश आयुक्त महिला एवं बाल विकास विभाग एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास द्वारा दिये गये है ।

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