
महिला सशक्तिकरण में जीविका का उत्कृष्ट योगदान, डॉ. ऋचा गार्गी सम्मानित
दरभंगा, 07 मार्च 2025: महिला सशक्तिकरण केवल एक विचार नहीं, बल्कि एक क्रांति बन चुका है। इस बदलाव की अग्रदूत बनी हैं डॉ. ऋचा गार्गी, जो जीविका की जिला परियोजना प्रबंधक (DPM) के रूप में बिहार की ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभा रही हैं। उनके प्रयासों से हजारों महिलाएँ आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त हो रही हैं।
आर्थिक सशक्तिकरण की नई राह
डॉ. ऋचा गार्गी के नेतृत्व में जीविका समूहों का विस्तार हुआ, जिससे ग्रामीण महिलाएँ स्वयं सहायता समूह (SHG) के माध्यम से संगठित होकर अपनी आजीविका सुधारने में सक्षम हुईं। महिलाओं को सिलाई, मधुमक्खी पालन, मुर्गी पालन, जैविक खेती, अगरबत्ती निर्माण जैसी स्वरोजगार गतिविधियों से जोड़ा गया। इससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई और वे आत्मनिर्भर बनीं।
राज्य व जिला स्तर पर सम्मान
महिला सशक्तिकरण में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए ग्रामीण विकास विभाग के तत्कालीन सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इसके अलावा, जीविका के पूर्व सीईओ बालामुरुगन डी. ने भी उनके सामाजिक प्रयासों की सराहना की।
सामाजिक जागरूकता में भी अग्रणी भूमिका
डॉ. ऋचा गार्गी का योगदान केवल आर्थिक सशक्तिकरण तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने महिलाओं को वोटर कार्ड, राशन कार्ड, आधार कार्ड जैसे सरकारी दस्तावेज बनवाने के लिए प्रेरित किया। उनके प्रयासों से कई गांव खुले में शौच से मुक्त हुए और महिलाओं ने स्वच्छता एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता दिखाई।
‘दीदी की रसोई’ से महिला उद्यमिता को बढ़ावा
उनकी पहल पर दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (DMCH) में ‘दीदी की रसोई’ की शुरुआत हुई, जिससे कई महिलाओं को स्थायी रोजगार मिला। अस्पतालों और संस्थानों में सफाई कार्यों की जिम्मेदारी भी जीविका समूहों को दी गई, जिससे उनकी आय में वृद्धि हुई।
महिला उद्यमिता को नया आयाम
डॉ. ऋचा गार्गी के नेतृत्व में दरभंगा जिले के चार प्रखंडों में 40,000 से अधिक स्वयं सहायता समूह (SHG) सक्रिय हैं, जिनसे 5 लाख महिलाएँ जुड़ी हुई हैं। उन्होंने महिलाओं को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY), स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया जैसी योजनाओं से जोड़कर उन्हें ऋण प्राप्त करने और अपना व्यवसाय शुरू करने में मदद की।
महिला सशक्तिकरण की मिसाल
महिला दिवस के अवसर पर डॉ. ऋचा गार्गी का योगदान यह साबित करता है कि सही मार्गदर्शन और आत्मविश्वास से महिलाएँ किसी भी कठिनाई को पार कर सकती हैं। उनका कार्य महिला सशक्तिकरण के लिए प्रेरणास्त्रोत बना हुआ है।