उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश गुंडागर्दी नियंत्रण अधिनियम के तहत मुकदमा किए लगभग एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी नहीं हो पाई गिरफ्तारी

अंबेडकर नगर (यूपी)

हिस्ट्री सीटर घनश्याम के ऊपर उत्तर प्रदेश गुंडागर्दी नियंत्रण अधिनियम के तहत दर्ज मुकदमे में जहागीरगंज थाने की पुलिस के द्वारा कोई भी कार्रवाई ना करना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण, जहागीरगंज पुलिस के लिए कोई भी कानून नहीं रखता मायने… भाजपा नेता अभिषेक कनौजिया

ग्राम प्रधान, ग्राम सचिव ने स्वीकार किया की घनश्याम को मनरेगा में काम करवाया गया उसके बाद भी विवेचक शुभम यादव के द्वारा जानबूझकर घनश्याम को बचाने का किया जा रहा प्रयास।

उत्तर प्रदेश गुंडागर्दी नियंत्रण अधिनियम के तहत मुकदमा किए लगभग एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी नहीं हो पाई गिरफ्तारी।

हिस्ट्रीशीटर घनश्याम के ऊपर लगभग 17 मुकदमा दर्ज होने के बाद भी अब तक किसी भी मुकदमे में ना तो जमानत करवाई और ना ही हो सकी गिरफ्तारी।

अंबेडकर नगर

जहागीरगंज थाना क्षेत्र के सुतहरपारा गांव निवासी घनश्याम पुत्र अच्छेलाल हिस्ट्रीशीटर जिला बदर होने के दौरान 19.4.2024 से 25.5. 2024 तक मनरेगा में मजदूरी कर (3318 रुपया) ग्राम पंचायत से लिया भुगतान।

आए दिन चर्चा में रहने वाला थाना जहागीरगंज अपने किए गए कारनामों से चर्चा में रहता है। चाहे वह अपने कानून व्यवस्था को लेकर हो, चाहे चोरी के मामले हो, चाहे जिला बदर हुए अपराधियों पर निगरानी को लेकर हो ऐसा ही मामला सुतहरपारा गांव में हिस्ट्री सीटर के मामले में जिला बदर हुए है अपराधी घनश्याम पुत्र अच्छेलाल को लेकर जमकर जहागीरगंज थाने के कर्मचारी तत्कालीन रहे थाना अध्यक्ष हल्का सिपाही की जमकर किरकिरी हो रही है। घनश्याम को बीते वर्ष 23. 11. 2023 से लेकर छह माह तक जिला बदर किया गया था। जिला बदर के दौरान वह अपने गांव सुतहरपारा में ग्राम पंचायत सचिव, ग्राम प्रधान, रोजगार सेवक एवं स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से मनरेगा में काम कर 3318 रुपए की धनराशि अपने खाते में लिया है जिसका विवरण उसके खाते में संलग्न है। एक जिला बदर अपराधी इस तरह से खुलेआम मनरेगा में कार्य कर एक तरफ प्रशासन को चुनौती दिया है तो दूसरी तरफ न्यायालय के आदेश के उल्लंघन भी स्थानीय प्रशासन ने किया है। आखिर इसका जवाब देही किसको जाए।

इस विषय को लेकर भाजपा नेता अभिषेक कनौजिया की तहरीर पर जहागीरगंज थाने में उत्तर प्रदेश गुंडागर्दी अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है। मुकदमा किये लगभग एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी अबतक किसके प्रभाव में गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।

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