
बौंडी में डीएम मोनिका रानी और एसपी आरएन सिंह ने फरियादियों की सुनी समस्या, त्वरित निस्तारण के निर्देश!!
बौंडी: बौंडी थाने पर आयोजित समाधान दिवस के मौके पर जैसे ही जिलाधिकारी मोनिका रानी और पुलिस अधीक्षक आरएन सिंह की गाड़ियां थाने के सामने रुकीं, माहौल में एक अलग ही स्फूर्ति छा गई। डीएम की तेज-तर्रार अंदाज और एसपी की सख्त नजरें देखकर हर कोई समझ गया कि आज फरियादियों की सुनवाई में कोई कोताही नहीं होगी। दोनों अधिकारियों ने थाना परिसर में कदम रखते ही एक-एक शिकायत को गौर से सुना और तुरंत समाधान का रास्ता निकालने का भरोसा दिलाया। डीएम ने पुलिस और राजस्व विभाग को कंधे से कंधा मिलाकर काम करने का सख्त निर्देश दिया और दो टूक कहा, “हर फरियादी का हक उसे मिले, देर नहीं, अभी और यहीं।”
मंझारा तौंकली गांव की सालमा की शिकायत ने सबका ध्यान खींचा। सालमा ने डीएम के सामने अपनी आपबीती सुनाई, “मैडम, गाटा संख्या 1930 झ, रकबा 0.056 का आधा हिस्सा मेरे नाम है। कागजात में सब साफ है, फिर भी गांव के दबंग सगीर और वकील मेरी जमीन पर जबरन कब्जा करने की धमकी दे रहे हैं।” सालमा की बात सुनते ही डीएम का चेहरा गंभीर हो गया। उन्होंने तहसीलदार महसी विकास कुमार को तुरंत बुलाया और कागजातों की जांच की। जब पाया कि सालमा का दावा पक्का है, तो डीएम ने तहसीलदार को फौरन कार्रवाई का आदेश दिया। यह अन्याय नहीं चलेगा। सालमा को उसका हक दिलाओ, और दबंगों को सख्त संदेश दो। डीएम की इस बात पर सालमा की आंखों में उम्मीद की चमक लौट आई। बौंडी कस्बे के कौशल गुप्ता ने एक ऐसा मुद्दा उठाया, जो हर माता-पिता के दिल को छू गया। उन्होंने कहा मैडम,ल कस्बे का राजकीय हाईस्कूल अगर इंटर कॉलेज बन जाए, तो हमारी बेटियों को 12वीं की पढ़ाई के लिए दूर-दराज नहीं भटकना पड़ेगा। कौशल की बात सुनकर डीएम ने जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) से बात करने का आश्वासन देते हुए कहा इस प्रस्ताव को हकीकत में बदलने के लिए तेजी से कदम उठाए जाएंगे। बौंडी कस्बे के ग्रामीणों ने एक और जरूरी मुद्दा उठाया। राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय और पशु चिकित्सालय आज भी सचिवालय के भवनों में चल रहे हैं। जमीन आवंटन का प्रस्ताव तो तैयार है, लेकिन काम कछुआ गति से चल रहा है। क्षेत्रीय लेखपाल रिजवान अहमद ने बताया कि प्रस्ताव पर काम शुरू हो चुका है, लेकिन डीएम को यह रफ्तार मंजूर नहीं थी। उन्होंने लेखपाल से कहा काम शुरू हुआ है, यह सुनना काफी नहीं। मुझे नतीजे चाहिए। इस मामले को प्राथमिकता दें और जल्दी प्रगति दिखाएं। डीएम के इस रुख से साफ था कि वह किसी भी ढिलाई को बर्दाश्त नहीं करेंगी। डीएम मोनिका रानी और एसपी आरएन सिंह की जोड़ी ने पूरे समाधान दिवस को एक मिशन की तरह लिया। दोनों ने सीओ महसी डीके श्रीवास्तव और थानाध्यक्ष सूरज कुमार राणा को साफ-साफ निर्देश दिए, कोई भी फरियादी निराश होकर नहीं लौटना चाहिए। हर शिकायत का निपटारा तुरंत और निष्पक्ष हो। एसपी ने थानाध्यक्ष को चेतावनी दी कि अगर कोई दबंग कानून का पालन न करे, तो उसका हिसाब तुरंत करें। डीएम और एसपी की यह जोड़ी पूरे थाना परिसर में बिजली की तरह थी। उनकी तेजी और तत्परता ने हर फरियादी को भरोसा दिलाया कि उनका दुख-दर्द सुना जाएगा और उनका हक उन्हें जरूर मिलेगा। बौंडी में यह समाधान दिवस सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि न्याय और बदलाव का एक जीता-जागता मंच बन गया। डीएम मोनिका रानी और एसपी आरएन सिंह की जोड़ी ने न सिर्फ फरियादियों की पुकार सुनी, बल्कि उनके लिए त्वरित कार्रवाई का रास्ता भी खोल दिया। सालमा की जमीन हो, बेटियों की पढ़ाई हो, या फिर कस्बे की स्वास्थ्य सुविधाएं—हर मुद्दे पर गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ काम हुआ। यह दिन बौंडी के लोगों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया, जहां उनकी आवाज न सिर्फ सुनी गई, बल्कि उसे अमल में लाने का वादा भी किया गया।
उत्तर प्रदेश बहराइच से प्रखर तिवारी की रिपोर्ट
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