
वित्तीय अनियमितता में जेल जा चुके बाबू पर बीएसए मेहरबान क्यों, 22 वर्षों से एक ही पटल पर तैनात
बस्ती। जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में वरिष्ठ लिपिक संतोष गुप्ता 22 वर्षों से एक ही पटल पर तैनात हैं। सरकारी शासनादेश के अनुसार, किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को एक कार्यालय या पटल पर लगातार तीन वर्षों से अधिक कार्य नहीं करना चाहिए। इसके बावजूद संतोष गुप्ता का स्थानांतरण नहीं किया गया है।
संतोष गुप्ता भ्रष्टाचार के मामले में जेल जा चुके हैं और वित्तीय अनियमितता के कारण निलंबित भी हो चुके हैं। इसके बावजूद उन्हें बीएसए कार्यालय में महत्वपूर्ण विभाग सौंपे गए हैं। इससे यह सवाल उठता है कि आखिर क्यों संतोष गुप्ता को लगातार महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जा रही हैं।
बीएसए अनूप कुमार तिवारी पर संतोष गुप्ता के प्रति मेहरबान होने का आरोप है। सूत्रों के अनुसार, संतोष गुप्ता बीएसए कार्यालय में “कमाऊ पूत” के रूप में जाने जाते हैं। इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि संतोष गुप्ता के कार्यों में बीएसए की भूमिका संदिग्ध हो सकती है।
इस मामले में भाजपा सरकार की भी किरकिरी हो रही है। संतोष गुप्ता की लंबी तैनाती को लेकर जिले में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर क्यों संतोष गुप्ता को लगातार महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जा रही हैं, जबकि वे भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितता के मामले में जेल जा चुके हैं और निलंबित हो चुके हैं।
हाल ही में बीएसए अनूप कुमार ने 15 सहायक अध्यापकों को नियुक्ति-पत्र सौंपा था, जिसमें संतोष गुप्ता भी मौजूद थे। इससे यह पता चलता है कि संतोष गुप्ता का बीएसए कार्यालय में अभी भी महत्वपूर्ण रोल है।
इस मामले में जांच और कार्रवाई की मांग हो रही है, ताकि यह पता चल सके कि आखिर क्यों संतोष गुप्ता को लगातार महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जा रही हैं और उनके खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है।
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