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मैं बढ़नी ग्राम में आकर धन्य हो गया- मुख्य सचिव दुर्गा प्रसाद मिश्र

मैं बढ़नी ग्राम में आकर धन्य हो गया- मुख्य सचिव दुर्गा प्रसाद मिश्र*

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा प्रसाद मिश्र आज विकसित भारत कार्यक्रम के अंतर्गत कप्तानगंज क्षेत्र के बढ़नी ग्राम में आये ।

उन्होंने विभिन्न स्टालों जैसे जल जीवन मिशन, ग्रामीण आजीविका मिशन, बैंकिंग, उद्यान एवं बागवानी, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं एक जनपद एक योजना के अंतर्गत फर्नीचर के स्टालों का निरीक्षण किया तथा उनसे बातचीत किया ।

स्टालिन की निरीक्षण के बाद मुख्य सचिव दुर्गा प्रसाद मिश्र ने गुरु वशिष्ट मंदिर में पूजन अर्चन किया ।

मुख्य सचिव द्वारा मंडलायुक्त अखिलेश सिंह, आइजी आर के भारद्वाज, जिलाधिकारी अंद्रा वामसी, पुलिस अधीक्षक गोपाल कृष्ण चौधरी व मुख्य विकास अधिकारी जयदेव सी एस के साथ दीप प्रज्वलित कर बढ़नी ग्राम में आयोजित विकसित भारत कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया ।

उन्होंने कौशल विकास कार्यक्रम व भारत कार्यक्रम के अंतर्गत पुरुषों महिलाओं तथा छोटे उद्यमियों को चेक,सिलाई मशीन, मोबाइल तथा अन्य पुरस्कारों का वितरण किया।

उन्होंने आयुष्मान योजना के अंतर्गत एक महिला वह एक पुरुष को आयुष्मान कार्ड भी दिया ।

इस दौरान बीच-बीच में विकसित भारत के अंतर्गत सरकार की उपलब्धियां को दर्शाते अनेक वीडियो क्लिप भी दिखाए गए ।

मुख्य सचिव ने अपने संबोधन में कहा कि वह बढ़नी ग्राम में आकर धन्य हो गए ।

उन्होंने कहा कि उनके पूर्वज 300 साल पहले यहां से माइग्रेट कर मऊ जनपद मैं चले गए थे, उन्होंने कहा कि उनकी बचपन से बहुत इच्छा थी कि वह बढ़नी ग्राम की मिट्टी को अपने सर से लगाए ।

मुख्य सचिव ने कहा कि अयोध्या में रामलला के स्थापित होने के बाद उनका यह सौभाग्य है कि वह भी अपने पूर्वजों की धरती पर आकर वशिष्ठ मंदिर में पूजन अर्चन एवं यहां के लोगों से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ ।

मुख्य सचिव ने भारत विकसित यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि भारत के प्रधानमंत्री भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र के रूप में देखना चाहते हैं, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का कहना है कि देश के नागरिक जब मजबूत होंगे और उनका विकास होगा तभी भारत एक शक्तिशाली विकसित राष्ट्र बन सकता है।

उन्होंने सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तार से बताते हुए भारत के विरासत का भी जिक्र करते हुए कहा कि प्राचीन काल में विश्व के कुल आर्थिक हिस्सेदारी में 25 प्रतिशत भारत की हिस्सेदारी हुआ करती थी ।

उन्होंने बढ़नी ग्राम की महिमा का बखान करती हुई कहा कि राजा दशरथ के चारों पुत्रों की शिक्षा दीक्षा यही गुरु वशिष्ट के आश्रम में हुई थी और मैं अपने आप को सौभाग्यशाली समझता हूं कि मैं गुरु वशिष्ट के गोत्र का हूं ।

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