मुजफ्फरपुर. झोले में रुपए भरकर आएं और ट्रक भरकर कपड़ा खरीदकर ले जाइए. जी हां, यह कहावत मुजफ्फरपुर के सूतापट्टी कपड़ा मंडी के बारे में फेमस है. दरअसल, मुजफ्फरपुर के सूतापट्टी को उत्तर बिहार की सबसे बड़ी कपड़ा मंडी के रूप में जाना जाता है. यहां से हर महीने अरबों का कारोबार होता है. सूरत और अन्य राज्यों से यहां सीधे कपड़ों की खेप आती है. जिसे बिहार, बंगाल और नेपाल के कारोबारी होलसेल में खरीदते हैं. सूतापट्टी में करीब 800 होलसेल व खुदरा कपड़े की दुकान है. कहा जाता है कि मुजफ्फरपुर का सूतापट्टी सरकार को राजस्व देने वाला कपड़े का सबसे बड़ा बाजार है.
महाराजा अग्रसेन मार्ग सूतापट्टी का शहर में पुराना इतिहास रहा है. सूतापट्टी कपड़ा मंडी लगभग 100 साल पुरानी है. जानकारों की मानें तो सूरत मंडी के स्थापित होने से पहले पूरे भारत में तीसरे नम्बर पर महाराजा अग्रसेन मार्ग सूतापट्टी का स्थान व्यावसायिक दृष्टिकोण से आता था. नेपाल के सुदूर इलाकों तक यहां से कपड़े जाते थे. बंगाल, ओडिशा, झारखंड समेत पड़ोसी देश से व्यापारी आज भी कपड़े लेने यहां आते हैं. बताते चले कि शादी के सीजन में परिवार के लिए जब साड़ी और कपड़े की शॉपिंग भारी संख्या की जाती है, तब मुजफ्फरपुर समेत पूरे उत्तर बिहार के लोग सूतापट्टी की ओर रुख करते हैं. यहां उन्हें अपने मनपसंद कपड़े उचित मूल्य पर मिल जाते हैं
अहमद राजा खान.