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किराने की दुकान में भविष्य तलाश रहा राज्य स्तरीय धावक कुमुद

जिला तथा राज्य स्तर पर कई बार हो चुके हैं सम्मानित

 

दुमका:हिंदी में कहावत है कि प्रतिभा किसी समर्थन की मोहताज नहीं होती है। चाहे परिस्थितियां कैसी भी हो, परिश्रमियों के भाग्य भी दरवाजा खटखटाती है।लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो कुव्यवस्था का दंश झेलने को मज़बूर हैं।बताते चले दुमका की गुहियाजोरी निवासी स्व. गौरी शंकर साह व चंद्रवती देवी के 32 वर्षीय सुपुत्र कुमुद रंजन दौड़ के कई प्रतिस्पर्धा में भाग ले चुके हैं और मेडल व प्रशस्ति प्रमाण पत्र भी जीत चुके हैंlपरिवार मे कुमुद 2 भाई व एक बहन है।कुमुद वर्तमान मे गुहियाजोरी मे छोटे मोटे किराने की दुकान कर रहे हैं। कुमुद ने बताया की वो जिला खेल प्राधिकरण देवघर राष्ट्रीय खेल दिवस(राज्य स्तरीय )2016 को देवघर जिला से प्रतिनिधि करते हुए जामताड़ा में आयोजित खेल मे प्रथम स्थान प्राप्त किया था।इसके अलावे एयरटेल के द्वारा रेनोथोन बोकारो में आयोजित 10 किलोमीटर दौड़ में प्रथम स्थान प्राप्त किया तथा 31 हजार रुपए नगद पुरस्कार भी जीता।आगे बताया छपरा 2013,गोवा 2018 मे राष्ट्रीय स्तर की 12 किलोमीटर दौड़ प्रतियोगिता में प्रतिभागी थे।साथ ही पाकुड़ 2018 में आयोजित क्रॉस कंट्री की दौड़ में प्रथम स्थान पर रहे। इसके अन्य भी दौड़ के कई प्रतिस्पर्धाओं में भाग ले चुके हैं और बाकायदा जीते भी हैं।बातचीत के दौरान उसने बताया की उसके पास अख़बार के कई कटिंग मौजूद हैं, जिसमे उसके दौड़ की खबरें छपी थी।कुमुद रंजन ने जिला प्रशासन व राज्य सरकार से अपील किया है कि 32 वर्ष होने के बावजूद भी आज भी यदि मुझे दौड़ प्रतियोगिता में शामिल की जाती है तो मैं निश्चित रूप से दौड़ना चाहूंगा और दुमका जिला के लिए राज्य तथा राष्ट्र स्तर पर पदक लाऊंगा। उन्होंने कहा कि अब तक सेवा राज्य स्तर पर प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, जिस कारण उन्हें सरकार पर भरोसा थी कि कहीं ना कहीं नौकरी अवश्य लग जाएगी।लेकिन उनका यह भरोसा केवल अब किराने दुकान तक ही सीमित रह गया हैl

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