श्रमिक देश एवं राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं कोई भी औद्योगिक क्षेत्र में श्रमिक के बिना औद्योगिक चलना मुश्किल है मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने श्रमिक एवं निजी क्षेत्र के श्रमिकों के लिए वेतन में बढ़ोतरी के लिए अध्यादेश पारित कर दिया गया है लेकिन वास्तविकता एवं हकीकत यह है कि मजदूरों का शोषण निरंतर जारी है घोषणाओं के बाद भी छोटे जिलों एवं शहरों में मजदूर श्रमिकों का शोषण निरंतर जारी करता है उन्हें मानसिक एवं आर्थिक परेशानी का सामना हर संभव करना पड़ता है कर के दौरान आकस्मिक मृत्यु या दुर्घटना होने के कारण ठेकेदार एवं मलिक का नाम उन्हें कोई आर्थिक लाभ नहीं देते
आपको बताते चलें कि छिंदवाड़ा बैतूल बालाघाट सिवनी के आसपास जिलों में मजदूर श्रमिकों का निरंतर शोषण जारी है बढ़ती महंगाई को देखते हुए उन्हें मामूली सा वेतन पर ही परिवार चलाना पर निर्भर है कुछ दिन पूर्व मध्य प्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री ने श्रमिक बांधों के लिए नई वेतन प्रणाली अध्यादेश लागू किया है जिससे उन्हें बड़ी हुई मजदूरी के हिसाब से मानदेय वेतन दिया जाएगा लेकिन निजी क्षेत्र में काम कर रहे औद्योगिक क्षेत्र शोरूम कर दुकानों में काम कर रहे हैं श्रमिकों का हनन की समस्या आए दिन पड़े बढ़ती
क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सरकार शिकायत निवारण कक्षा या टोल फ्री क्रमांक के माध्यम से उनकी परेशानी समस्याओं के शिकायत दर्ज करने की प्रणाली बनाने चाहिए जिससे कि उन्हें आसानी से अपनी समस्या का निराकरण मिल सके।।।।
सर देखा गया है कि हर जिले में श्रमिक कार्यालय होता है अधिकारी उसके निगरानी में श्रमिकों की समस्या एवं मूलभूत सुविधाओं क्या निराकरण के लिए शासन ने उन्हें नियुक्त किया गया है लेकिन वास्तविकता यह है कि सिर्फ कागज पूर्ति एवं खाना पूर्ति अधिकारी द्वारा किया जाता है कोई स्थल निरीक्षण नहीं किया जाता जिससे कि श्रमिकों का आनंद निरंतर बढ़ता जा रहा है इस और ना ही श्रमिक संगठन ध्यान देता है ना ही जन नेता जिसे जनता चुनकर पहुंचती है
अधिक शोषण देखा गया है कि जो सुरक्षा की दृष्टि से काम करते हैं सिक्योरिटी चौकीदार कार्ड उनका शोषण तो हद से ज्यादा घोषित श्रमिक वही है जो की मामूली से वेतन पर 30 दिन काम करने पर मजबूर है
इसके अलावा उन्हें कोई अतिरिक्त लाभ सुविधा नहीं मिलती
इन श्रमिकों के उत्थान एवं कल्याण के लिए चिकित्सा सुविधा फंड सुविधा सामूहिक बीमा साप्ताहिक अवकाश की व्यवस्था होनी चाहिए इस लेकर माध्यम से मैं संदेश जनप्रतिनिधि तथा उनके निवारण के लिए श्रमिकों के कल्याण के लिए अवगत करा रहे हैं जिससे कि गार्ड चौकीदार श्रमिकों के उत्थान कल्याण का संदेश पहुंच सके एवं उनके समस्या का निराकरण हो सके तथा आगामी 2024 में श्रमिकों का मूल समस्या यही रहेगी