- ज्योतिषी हत्याकांड मामलें में अभियुक्त पक्ष से बहस जारी
सुनवाई की अगली तिथि 13 मई को
जौनपुर। जनपद के सनसनीखेज तांत्रिक हत्याकांड में गुरूवार को एडीजे चतुर्थ की कोर्ट में अभियुक्त पक्ष के अधिवक्ता द्वारा बहस की गयी।बहस के दौरान सहायक ज़िला शासकीय अधिवक्ता लाल बहादुर पाल, अशीष सिंह,अधिवक्ता आशुतोष चतुर्वेदी,राहुल तिवारी,राज नाथ आदि उपस्थित रहे। मुकदमें में बहस हेतु अगली तिथि 13 मई को निर्धारित की गई है।
गौरतलब है कि तत्कालीन प्रदेश सरकार के आध्यात्मिक गुरू,तांत्रिक एवं ज्योतिषाचार्य डाॅ.रमेश चन्द्र तिवारी “गुरू जी” की निर्मम हत्या 15नवम्बर 2012 को उनके पैतृक आवास सरपतहां थाना क्षेत्र स्थित ऊंचगांव में उस समय की गयी जब वे अपने लोगों के साथ दरवाजे पर बैठकर धर्म की चर्चा कर रहे थे।पुलिस की वर्दी पहनकर दरवाजे पर पहुंचे बाइक सवार दो पेशेवर शूटर शेरू सिंह और विपुल सिंह द्वारा गुरू जी को नमो नमः करने के उपरांत उन्हे लक्ष्य बनाकर कारबाइन से ताबड़तोड़ गोली चलाते उनकी निर्मम हत्या कर दी गयी थी। गोली चलने की आवाज सुनकर बचाव के लिए दौड़कर आये उनके भाई राजेश तिवारी को शूटरों ने गोली मारकर जख्मी कर दिया।तांत्रिक हत्याकांड तत्कालीन सरकार के लिये चुनौती थी।प्रकरण में अभियोग पंजीकृत होने के उपरांत सरकार के सख्त निर्देश के क्रम में मुकदमे की निष्पक्ष जांच शुरू हुई तो तांत्रिक हत्याकांड में कुल 14 अभियुक्त प्रकाश में आये। जिसमें उक्त दो पेशेवर शूटर शेरू और बिपुल सिंह के अलावां हत्याकांड के मुख्य आरोपी स्थानीय थाना क्षेत्र के जमौली गांव निवासी धीरेंद्र सिंह और उनके पिता झारखंडे सिंह तथा ऊंचगांव निवासी लाल शंकर उपाध्याय उर्फ बचई,अमित सिंह उर्फ पंडित,वीरेंद्र सिंह उर्फ डाही,कौशल किशोर सिंह,अमित सिंह उर्फ पंडित, विनीत सिंह उर्फ टन्नू,अरविंद सिंह, शैलेंद्र सिंह तथा सुलतानपुर जनपद स्थित कादीपुर थाना क्षेत्र के भीटी गांव निवासी विजय बहादुर सिंह एवं मीरापुर निवासी सूबेदार सिंह और अमरजीत यादव शामिल हैं। सभी आरोपित के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर मुकदमें की विवेचना उच्च अधिकारियों के दिशा निर्देश एवं मार्गदर्शन में सम्पन्न हुई। उपरोक्त अभियुक्तों में शूटर शेरू सिंह का पुलिस मुठभेड़ के दौरान एनकाउंटर किया जा चुका है,जबकि अन्य 13 अभियुक्त जमानत पर छूटकर जेल से बाहर आये है।सनसनीखेज मुकदमे की अग्रिम विधिक कार्रवाई उच्च न्यायालय एवं वरिष्ठ उच्चाधिकारियों के संज्ञान में चल रही है।