*”शिक्षक कभी सेवानिवृत्त नहीं होता है:- श्रीमती मंजुला गंगवाल”*
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*संकुल केंद्र में शिक्षक को भावभीनी विदाई*
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बांगरदा (खरगोन) किसी भी शिक्षण संस्था में शैक्षणिक कार्य करने वाला शिक्षक कभी भी सेवा से निवृत नहीं होता है। उसकी केवल संस्थागत एवं शासकीय बंधनकारी कार्यों से निवृत्ति होती है। शिक्षक का जीवन एवं दिनचर्या उसके छात्रों के लिए एवं समाज के लिए अनुकरणीय होती है। उक्त विचार व्यक्त करते हुए संकुल केंद्र सुलगांव की प्राचार्य श्रीमती मंजुला गंगवाल ने कहा कि वर्तमान समय में शासकीय शिक्षण, सुविधाओं एवं योग्य शिक्षकों के माध्यम से शासन की निगरानी में छात्र-छात्राओं को दिया जा रहा है। शासकीय सेवा से निवृत्ति एक निरंतर प्रक्रिया है। जो सेवा में है उसे निश्चित अवधि तक अपने कर्तव्य के प्रति समर्पित होकर कार्य करके सेवानिवृत्त होना है। परंतु सेवा के दौरान जो उल्लेखनिय कार्य किए जाते हैं। उनको हमेशा याद किया जाता है। एवं कार्य यादगार बन जाते हैं। इसी प्रकार सेवानिवृत हो रहे शिक्षक नारायण प्रसाद मालाकार द्वारा अपनी सेवाओं के दौरान ग्राम नरलाय एवं नेतनगांव की शिक्षण संस्थाओं में उल्लेखनीय कार्य किया। बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ संस्था को सुंदर बनाने में जन भागीदारी बढ़ाने में सफलता अर्जित की। जिसके सकारात्मक परिणाम के तहत ग्रामीण पालकों द्वारा जनभागीदारी द्वारा संस्थाओं को सुविधा संपन्न बनाया गया। संस्था परिसरों में वृक्षारोपण कर उनकी सतत निगरानी कर वातावरण को स्वच्छ एवं सुंदर बनाया। संस्थागत कार्यों की समीक्षा के दौरान इनको उत्कृष्ट शिक्षक का सम्मान दिया गया। इनके उत्कृष्ट कार्यो से प्रेरणा लेते हुए इनके उज्जवल भविष्य की कामना करती हुं।
समारोह के दौरान जन शिक्षक बालकृष्ण बिरला द्वारा साल एवं श्रीफल के साथ स्मृति चिन्ह प्रदान किया।
इसके पूर्व संकुल केंद्र सुलगांव के समस्त शिक्षकों द्वारा प्राचार्य श्रीमती मंजुला गंगवाल के नेतृत्व में सेवानिवृत शिक्षक नारायण प्रसाद मालाकार को पुष्प वर्षा के साथ सम्मानित कर संस्था से कार्यक्रम स्थल तक खुली जीप में आतिशबाजी एवं पुष्प वर्षा के साथ भावभीनी विदाई दी। इस अवसर पर शासकीय हाई स्कूल रनगांव के प्राचार्य मनोहर मालाकार, डॉ विजय कुमार मालाकार, मानसिंह गौड़, दौलत राम यादव विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन जन शिक्षक दौलत राम यादव ने किया। एवं अंत में तरुण कुमार चंद्रे द्वारा आभार व्यक्त किया गया।
:- रामेश्वर फूलकर बांगरदा