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केंद्र सरकार ने वेतन व्रद्धि प्रस्ताव किया निरस्त पेसा मोबीलाइजरों ने मुख्यमंत्री के नाम सौपा ज्ञापन

बैतूल :- 12 दिसंबर को मध्यप्रदेश पेसा एक्ट ग्रामसभा मोबिलाइजरों ने समस्त 20 जिलों के 89 ब्लाकों में केंद्रीय पंचायत राज्य मंत्रालय से पेसा एक्ट ग्रामसभा मोबिलाइजरों की 8000/- वेतन को निरस्त करने पर मध्यप्रदेश पेसा एक्ट संघ व्दारा जिला की पेसा कमेंटी के जिला अध्यक्ष सारिका भूसुमकर के निर्देशानुसार सभी 6 ब्लॉकों में 3 दिवसीय सामुहिक अवकाश घोषित करने को लेकर एवं मोबीलाइजरों की मांगों कों लेकर जनपद पंचायतों में कार्यपालन अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जिसने भैंसदेही ब्लॉक से ब्लॉक सचिव अखिलेश आठोंले ,ब्लॉक कोषाध्यक्ष कंचन गीद ,एवं शाहपुर ब्लॉक मोना चौरे उमेन्द्र यादव ,दीपाली धुर्वे ,चिंकी चौहान ,रंजेश कंडोप ,राकेश कुमरे ,राधिका परते ,दौलत धुर्वे ,अनुसूईया ,अनीता सलाम ,रामरती अखंडे ,सुशीला ,बस्तीराम,श्यामवती ,गनेशी बारस्कर ,संकोली ,निशा ,प्रमिला,रंजना धाड़से ,मुस्कान इवने ,सहित के समस्त पेसा मोबीलाइजर उपस्थित रहे ,जिले में पेसा मोबीलाइजरों ने वेतन को लेकर जिले सामूहिक अवकास लेकर ब्लॉक स्तर में कार्यपालन अधिकारी को ज्ञापन दिया जिसमे मोबीलाइजरों का वेतन जल्द से जल्द बड़ाया जाए  जबकि मध्यप्रदेश में आदिवासी बड़े लंबे समय से पेसा एक्ट की मांग कर रहे थे। जो मध्यप्रदेश में 15 नवंबर 2022 को लागू किया गया है
पेसाअधिनियम 1996 में पंचायतों से संबंधित संविधान के भाग IX के प्रावधानों को अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तारित करने के लिए अधिनियमित किया गया था। इसमें एमपी सरकार ने कुछ संशोधन किए हैं। यह कानून देश में 24 दिसंबर 1996 को लागू किया गया था। एमपी के ही जनप्रतिनिधि दिलीप सिंह भूरिया की अध्यक्षता में बनाई गई समिति की अनुशंसा पर एक्ट तैयार हुआ था। इसके बावजूद एमपी में 2022 को पेसा एक्ट क़ानून लागू हुआ ।

15 नवंबर 2022 से राज्य में पेसा एक्ट लागू हुआ  इस कानून का उद्देश्य है कि अनूसूचित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को लिए ग्राम सभाओं के माध्यम से स्वशासन सुनिश्चित करना। यह एक्ट कानूनी रूप से आदिवासी समुदायों को स्वशासन की अपनी प्रणालियों के माध्यम से स्वयं को शासित करने के अधिकार को मान्यता देता है। यह प्राकृतिक संसाधनों पर उनके पारंपरिक अधिकारों को स्वीकार करता है। ग्राम सभाओं के पास ही विकास योजनाओं को मंजूरी देने का अधिकार होता है। साथ ही सामाजिक क्षेत्रों को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अधिकार देता है।ग्राम सभा को ताकत प्रदान करता है
पेसा एक्ट के बाद ग्राम सभाओं की ताकत बढ़ जाती है। जल, जंगल, जमीन और संसाधन पर इनका अधिकार होता है। भूमि अलगाव को रोकेंगे। नशीले पदार्थों को नियंत्रित करना भी इनका काम होगा। इलाके में विकास कार्यों के लिए ग्राम सभा की मंजूरी जरूरी है। आदिवासियों पर केस करने से पहले पुलिस को ग्राम सभा को जानकारी देनी होगी। गांवों के विवाद को ग्राम सभा के स्तर पर सुलझाई जाएगी।

इसके साथ ही ग्राम सभाओं की शक्तियों में सांस्कृतिक पहचान और परंपरा का रखरखाव, आदिवासियों को प्रभावित करने वाली योजनाओं पर नियंत्रण रखना है। साथ ही गांव के अंदर प्राकृतिक संसाधनों पर भी नियंत्रण रखना है।

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